31. भीतर की ओर जाता है पर मस्तिष्क तक नहीं पहुँचता बीच ही से मेरुरज्जु या 32. का एक नमूना निकाला जाता है जो मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु को आवरण किये रहता है। 33. मेरुरज्जु के ग्रीवा में स्थापित सोलह पंखुडियों वाला ये चक्र विशुद्धि चक्र कहलाता है ।34. मतिष्कावरण (मैनिनजाइटिस) वह झिल्लियाँ है जो मस्तिष्क और मेरुरज्जु (केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र) को ढकती हैं। 35. उन स्त्रियों को चरम-आनंद की प्राप्ति बहुत मुश्किल होती है जिन्हें मेरुरज्जु में चोट लगी हो। 36. उन स्त्रियों को चरम-आनंद की प्राप्ति बहुत मुश्किल होती है जिन्हें मेरुरज्जु में चोट लगी हो। 37. पृष्ठरज्जु के ऊपर, उसकी पूरी लंबाई में, एक संकीर्ण, नालाकार मेरुरज्जु (spinal cord) स्थित होती है। 38. [2] इस सूजन के मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु के समीप होने के कारण मेनिन्जाइटिस जानलेवा हो सकती है; 39. मेरुरज्जु का प्रदाह समाप्त होने तक रोगी को लोहे के फेफड़े में रखकर बचाया जा सकता है।40. मस्तिष्क · मेरुरज्जु · तन्त्रिका तन्त्र · ऊतक · ज्ञानेन्द्री · त्वचा · नाक · कान ·