31. दुर्घटना याची की गलती से होने के कारण विकल्प मे योगदायी गलती बताकर अपने विरूद्ध याचिका खारिज करने की प्रार्थना की है। 32. यह दुर्घटना मृतक जिस जीप से यात्रा कर रहा था, उसके चालक की लापरवाही एवं योगदायी उपेक्षा के फलस्वरूप घटित नहीं हुई। 33. यह भी तर्क दिया कि दुर्घटना आमने सामने हुयी थी और इस दुर्घटना के लिये दोनों वाहन चालकों की योगदायी उपेक्षा थी। 34. यू0सी0 79 में माननीय उच्च न्यायालय ने रेस इप्सा लिक्वेडर के सिद्धान्त पर बल देते हुये स्कूटर चालक की योगदायी उपेक्षा बताया। 35. तीसरा वाद बिन्दु यह है कि क्या उक्त दुर्घटना बस चालक व मोटर सायकिल चालक दोनों वाहनों की योगदायी उपेक्षा के कारण घटित हुयी? 36. विपक्षी ने यह भी कभिकथित किया है कि वाहन विक्रम संख्या यू. पी. 70ए. टी.-4565 के चालक की योगदायी उपेक्षा के कारण घटित हुयी। 37. वाद बिन्दु सं0 2 भी याची के पक्ष में नकारात्मक निर्णीत किया जाता है कि स्कूटी चालक की दुर्घटना में कोई योगदायी उपेक्षा नहीं थी। 38. अतः प्रश्नगत दुर्घटना योगदायी उपेक्षा का परिणाम है तथा याचीगण द्वारा बस के चालक को याचिका में पक्षकार न बनाये जाने के कारण याचिका दोषूपर्ण है। 39. इस दुर्घटना मेंमारूति कार चालक की कोई उपेक्षा नही पायी गयी है अतः प्रस्तुंत प्रकरण में मारूतिकार चालक की योगदायी उपेक्षा का मामला नही बनता है। 40. इस केस मे ट्रक ड्राईवर की तेजी व लापरवाही के कारण दुर्घटना घटित होनी सिद्ध है और विक्रम चालक की योगदायी उपेक्षा का प्रश्न ही नहीं है।