31. राष्ट्र-प्रेम प्रधान भारतेंदु जी के काव्य में राष्ट्र-प्रेम भी भावना स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है।32. राष्ट्र-प्रेम प्रधान भारतेंदु जी के काव्य में राष्ट्र-प्रेम भी भावना स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है। 33. जिसने देवरिया में योग-वैराग्य, अध्यात्म के साथ-साथ राष्ट्र-प्रेम की गंगा को प्रवाहित किया था। 34. हमें न मोहे सुरा-सुन्दरी का आकर्षण, राष्ट्र-प्रेम की बहे ह्रदय में अविरल धारा. 35. जिसने देवरिया में योग-वैराग्य, अध्यात्म के साथ-साथ राष्ट्र-प्रेम की गंगा को प्रवाहित किया था। 36. -' दिवस ' जी को यदि जानना है तो ' राष्ट्र-प्रेम ' को जीना सीखो। 37. देवरिया की पावन भूमि में सदा ही राष्ट्र-प्रेम का पौध पल्लवित एवं पुष्पित होता रहा है। 38. राष्ट्र-प्रेम की पावन धारा से सिंचित देवरिया भूमि सदा से ही वीरों की जननी रही है।39. देवरिया की पावन भूमि में सदा ही राष्ट्र-प्रेम का पौध पल्लवित एवं पुष्पित होता रहा है। 40. राष्ट्र-प्रेम की पावन धारा से सिंचित देवरिया भूमि सदा से ही वीरों की जननी रही है।