31. विभेदन यह क्रिया है जिससे रेसिमिक रूपांतरण से उसके दोनों प्रतिबिंब रूप अलग किए जाते हैं। 32. ऐसे रेसिमिक यौगिकों को r (±) अथवा dl-उपसर्गों द्वारा निदेशित किया जाता है। 33. एक प्रकाशत: सक्रिय यौगिक को रेसिमिक रूप में परिवर्तन करने की क्रिया को रेसिमीकरण कहते हैं। 34. रेसिमिक अम्ल, टार्टरिक अम्ल की अपेक्षा पानी में कम विलेय है तथा टार्टरिक अम्ल और उसके लवण प्रकाशत:35. रेसिमिक अम्ल, टार्टरिक अम्ल की अपेक्षा पानी में कम विलेय है तथा टार्टरिक अम्ल और उसके लवण प्रकाशत:36. यह रेसिमिक रूपों से भिन्न होता है, जिनका विभेदन उनके प्रकाशत: सक्रिय रूपों में किया जा सकता है। 37. यह रेसिमिक रूपों से भिन्न होता है, जिनका विभेदन उनके प्रकाशत: सक्रिय रूपों में किया जा सकता है। 38. 1838 ई. में बिओ ने पता लगाया कि टार्टरिक अम्ल प्रकाशत: सक्रिय है और रेसिमिक अम्ल प्रकाशत: निष्क्रिय है। 39. 1838 ई. में बिओ ने पता लगाया कि टार्टरिक अम्ल प्रकाशत: सक्रिय है और रेसिमिक अम्ल प्रकाशत: निष्क्रिय है। 40. यह रेसिमिक रूपों से भिन्न होता है, जिनका विभेदन उनके प्रकाशत: सक्रिय रूपों में किया जा सकता है।