31. मार्क् स और भी कहता है कि द्वन्द्ववाद और कुछ नहीं, केवल वर्गसंघर्ष है। 32. इसमें संदेह नहीं कि कम्यून सिद्धांत ने वर्गसंघर्ष एवं समाजवादी विचारधारा के प्रचार में यथेष्ट योग दिया। 33. मठ, मंदिर, तीर्थ, हज्ज, पोथी, पुराण इसी वर्गसंघर्ष की सफलता के साधन हैं। 34. वह यह भी तो कहता ही है कि वर्गसंघर्ष के आधार पर ही निरीश्वरवाद का प्रचार करना होगा। 35. परिवर्तन के लिए वर्गसंघर्ष को अवश्यंभावी मानते हुए उसमें सर्वहारावर्ग की जीत की ओर संकेत करता है. 36. प्रागैतिहासिक “कबीले के समाज” के पतन से लेकर अब तक नैतिक मूल्यों में लगातार वर्गसंघर्ष प्रतिबिंबित हुआ है। 37. उन्होंने स्पष्ट कहा, जिस प्रकार पूँजीवाद का अंतरराष्ट्रीय रूप साम्राज्यवाद है उसी प्रकार वर्गसंघर्ष का अंतरर्राष्ट्रीय रूप मुक्तिसंघर्ष है। 38. उन्होंने स्पष्ट कहा, जिस प्रकार पूँजीवाद का अंतरराष्ट्रीय रूप साम्राज्यवाद है उसी प्रकार वर्गसंघर्ष का अंतरर्राष्ट्रीय रूप मुक्तिसंघर्ष है। 39. उन्होंने स्पष्ट कहा, जिस प्रकार पूँजीवाद का अंतरराष्ट्रीय रूप साम्राज्यवाद है उसी प्रकार वर्गसंघर्ष का अंतरराष्ट्रीय रूप मुक्तिसंघर्ष है। 40. मगर कहें या न कहें, हर हालत में वर्गसंघर्ष जरूर करें, ताकि ईश्वरवादियों की पोल खुल जाए।