अवर न्यायालय द्वारा निगरानीकर्ता द्वारा दाखिल वाद का मूल्यांकन के लिये दाखिल किये गये साक्ष्य को ग्राहय न कर कानूनी त्रुटि की है, वाद का मूल्यांकन वस्तु को क्रय की गयी बैनामा का आधार स्वीकार न कर कानूनी त्रुटि की है।
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अवर न्यायालय द्वारा निगरानीकर्ता द्वारा दाखिल वाद का मूल्यांकन के लिये दाखिल किये गये साक्ष्य को ग्राहय न कर कानूनी त्रुटि की है, वाद का मूल्यांकन वस्तु को क्रय की गयी बैनामा का आधार स्वीकार न कर कानूनी त्रुटि की है।
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इसी प्रकार वादी की साक्ष्य से यह भी प्रमाणित नहीं हैं कि वादी द्वारा अदा किया गया वाद का मूल्यांकन अपर्याप्त हैं तथा यह वाद इस न्यायालय के क्षेत्राधिकार में नहीं हैं व मध्यप्रदेश सहकारी संस्था अधिनियम के अन्तर्गत यह वाद इस न्यायालय के क्षेत्राधिकार में नहीं हैं।
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उत्तरदाता द्वारा निगरानी पर आपत्ति प्रस्तुत करते हुए संक्षेप में कथन किया गया कि निगरानीकर्तागण द्वारा वाद के तथ्यों को गलत प्रकार से प्रस्तुत किया गया है तथा वाद का मूल्यांकन 1, 07,500/-रू0 प्रदर्शित किया गया है, जबकि वाद का मूल्यांकन प्रश्नगत भूमि के लगान के 30गुने पर किया जाना है।
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उत्तरदाता द्वारा निगरानी पर आपत्ति प्रस्तुत करते हुए संक्षेप में कथन किया गया कि निगरानीकर्तागण द्वारा वाद के तथ्यों को गलत प्रकार से प्रस्तुत किया गया है तथा वाद का मूल्यांकन 1, 07,500/-रू0 प्रदर्शित किया गया है, जबकि वाद का मूल्यांकन प्रश्नगत भूमि के लगान के 30गुने पर किया जाना है।
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क्या वाद वादी आवष्यक पक्षकार को पक्षकार न बनाये जाने के दोष विद्धान विचारण न्यायालय द्वारा उभय पक्षों के अभिववनों के आधार क्या वादी 400रू0 माह दर माह किरायेदार के रूप में वादग्रस्त क्या प्रतिवादीगण द्वारा वादी को वादग्रस्त सम्पत्ति से जबरदस्ती अ-क्या वादी द्वारा वाद का मूल्यांकन कम किया गया है?
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जिसके द्वारा प्रतिदावे के वाद का मूल्यांकन रू9000 /-सही मानते हुए वाद बिन्दु 17 नकारात्मक निर्णित किया गया, वाद बिन्दु संख्या 18 जो न्याय शुल्क के संबंध में है इसे भी पर्याप्त मानते हुए नकारात्मक निर्णित किया गया और वाद बिन्दु संख्या 16 जो प्रतिदावा के समय बाधित होने के संबंध में है।
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अतः उत्तरदाता / वादी ने वाद का मूल्यांकन सही निर्धारित किया है, जिसमें कोई भी त्रुटि नहीं है और इस प्रकार से विचारण न्यायालय द्वारा वाद के आर्थिक श्रवण के क्षेत्राधिकार पर पारित आदेश दिनांकः28-10-2009 में कोई भी तथ्य एवं विधि की त्रुटि नहीं की गई है और उक्त आदेश में किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
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प्रस्तुत केस में निगरानीकर्ता-प्रतितवादी ने अपना जवाबदावा दाखिल किया है, उत्तरदाता-वादी द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत करने के बाद वह स्वयं भी साक्ष्य में परीक्षित हुआ है और अब वह संषोधन के जरिए अपने प्रतिवाद पत्र में यह आधार जोड़ना चाहता है कि वाद का मूल्यांकन कम किया गया है और न्याय शुल्क अधिनियम में उल्लिखित प्राविधानों के प्रतिकूल है।
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बज के अन्तर्गत यह आवष्यक है कि जितने भी अनुतोष वाद में मांगे गए हैं और उनके सन्दर्भ में जो मूल्यांकन किया गया है उन सभी का योग वाद का मूल्यांकन तय करेगा और प्रस्तुत केस में जो अनुतोष चाहे गए हैं और उनके सन्दर्भ में जो वाद का मूल्यांकन किया गया है उसका योग किया जाना चाहिए था।
वाद का मूल्यांकन sentences in Hindi. What are the example sentences for वाद का मूल्यांकन? वाद का मूल्यांकन English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.