31. संधिशोध में चाहे उनका कारण जीवाणु हो या वार्धक्य , यह तुरंत लाभ पहुँचाती है । 32. वैसे वार्धक्य का एक महत्वपूर्ण पक्ष यह भी है कि शरीर कमजोर होता है, मन नहीं। 33. सूर्य की किरण (सूर्योदय से लेकर १ घंटे तक की किरण) भी वार्धक्य को रोकती है । 34. बलवीर्य इत्यादि से परिपूर्ण होते ही वार्धक्य की सीमा तक इंतज़ार करना उन्हें अपमानजनक लगता था. 35. एक बार मैने एक गीत लिखा था उम्र तो 14 साल थी और गीत वार्धक्य पर.. 36. महादेवी जी ने वार्धक्य में गीत लिखने छोड़ दिये थे, वे ऋचाओं का अनुवाद करने लगी थीं। 37. आयुर्वेद में वर्णित रसायन द्रव्यों में शक्ति वर्धक और वार्धक्य रोधक औषध द्रव्यों की कमी नहीं है...... 38. मांसाहार से कभी वार्धक्य को नहीं रोका जा सकता. अन्यथा एस्कीमोज की उम्र सबसे अधिक होती. 39. वार्धक्य की अशक्तता उन्हें रोक न पातीथी, स्वस्थ्य की नरम-गरम स्थितियां उनकी गति को अवरुद्ध न कर पाती थीं।40. यह रसायन (वार्धक्य एवं रोगों को दूर रखने वाला), नेत्रज्योति बढ़ाने वाला व बुद्धिवर्धक भी है।