31. मन में उठने वाली विचारों और भावों की श्रृंखला को चित्तवृत्ति अथवा विचार-शक्ति कहते है। 32. मन में उठने वाली विचारों और भावों की श्रृंखला को चित्तवृत्ति अथवा विचार-शक्ति कहते है। 33. मन में उठने वाली विचारों और भावों की श्रृंखला को चित्तवृत्ति अथवा विचार-शक्ति कहते है। 34. मैं शिल्पा पर नहीं हँस रही थी.....यह सिर्फ विचार-शक्ति थी. मैं टकराव से नफरत करती हूं.” 35. इस संस्था के द्वारा उनकी आवश्यकताओ का पता चलता था और उनकी विचार-शक्ति बढती थी । 36. सिर्फ विचार-शक्ति ने हमारे राजनीतिक नेताओं को जरा हिलाया, जगाया और दोबारा सोचने पर बाध्य किया। 37. इस प्रकार जीवन तथा जीवन के हर क्षेत्र में केवल विचार-शक्ति का ही साम्राज्य रहता है। 38. मैं शिल्पा पर नहीं हँस रही थी.....यह सिर्फ विचार-शक्ति थी. मैं टकराव से नफरत करती हूं.” 39. सिर्फ विचार-शक्ति ने हमारे राजनीतिक नेताओं को जरा हिलाया, जगाया और दोबारा सोचने पर बाध्य किया। 40. उनकी अद्भुत भाषा-शैली को लेकर मेरी राय है कि उनकी विचार-शक्ति ही उनके लेखन का प्रधान गुण थी।