31. अनित्य, विनाशी जड़ शरीर और भोगों से इसका कोई संबंध नहीं है। 32. प्रः सर्वोत्तम वैराग्य कौन-सा है? उः सर्व दृश्य विकारी और विनाशी हैं। 33. देह विनाशी , हूँ अविनाशी, अपनी गति पकरेंगे, नाशी जासी हम थिरवाशी, चोखे हैं निखरेंगे. 34. मन वचन और काया की शक्ति को विनाशी के पीछे व्यर्थ मत गंवा दो। 35. पहली स्थिति का संपोषी (constructive) व्यतिकरण और दूसरी स्थिति को विनाशी (destructive) व्यतिकरण कहते हैं। 36. तुम विनाशी शक्तियों के पुंज हो; तुम कभी दावाग्नि, बड़वानल कभी; तुम महामारी, महासंग्राम तुम. 37. अर्थ और काम धन सम्पत्ति और भोग विलास क्षणिक है विनाशी है दु: खदायी है । 38. और इस भजन के साथ इस विनाशी देह का परमार्थ कार्यों में उपयोग हो जाये । 39. कुल मिलाकर संन्यासी, सत्यानाशी और विनाशी के बीच देश के जन-गण-मन की बेचारगी बिखरी पड़ी है। 40. आत्मा का अविनाशी और देह के विनाशी स्वरुप, जगत का स्वरुप, यहाँ जन्म जीवन मरण