31. शब्दों के संज्ञा, विशेषण, क्रिया और क्रिया विशेषण के रूप में अलग-अलग छांट कर भी देख सकते हैं. 32. के रूप हैं लेकिन इनमें से कई का प्रयोग क्रिया और विशेषण के रूप में भी होता है. 33. ऋग्वेद के प्राचीनमंत्रों में ‘ असुर ' शब्द वरुण आदि देवताओं के विशेषण के रूप में व्यवहृत हुआ है। 34. परंतु आपने kindly शब्द को relieve के साथ प्रयोग किया है जो क्रिया के विशेषण के रूप में आया है। 35. ‘ रेत ' शब्द महत्वपूर्ण है जिसके विशेषण के रूप में ‘ समन्दर ' शब्द का प्रयोग हुआ है. 36. विशेषण के रूप में इसका प्रयोग होता है paradisiacal, या paradisiac, या paradisal क्रियाविशेषण के रुप में paradisiacally, या paradisally.37. कोयल की आवाज इतनी मीठी होती है कि उसे एक विशेषण के रूप में भी प्रयोग किया जाता है. 38. शेष दो शब्द ‘गँवार ' और ‘पसु' का प्रयोग चौपाई में शूद्र और नारी के विशेषण के रूप में किया गया है। 39. जिस शब्द का प्रयोग संज्ञा से पूर्व अथवा बाद में विशेषण के रूप में किया गया हो उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। 40. जिस शब्द का प्रयोग संज्ञा से पूर्व अथवा बाद में विशेषण के रूप में किया गया हो उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।