31. यह चित्र जाति का शब्दालंकार है जो च्युताक्षर, दत्ताक्षर तथा च्युत दत्ताक्षर भेदवाली अनेकार्थ धातुओं से युक्त यमकरंजित उक्ति हैं। 32. तथापि विचारकों ने अलंकारों को शब्दालंकार , अर्थालंकार, रसालंकार, भावालंकार, मिश्रालंकार, उभयालंकार तथा संसृष्टि और संकर नामक भेदों में बाँटा है। 33. शाब्दिक चमत्कार हेतु प्रयुक्त शब्द के स्थान पर पर्यायवाची शब्द का प्रयोग करने पर शब्दालंकार नष्ट हो जाता है. 34. तथापि विचारकों ने अलंकारों को शब्दालंकार , अर्थालंकार, रसालंकार, भावालंकार, मिश्रालंकार, उभयालंकार तथा संसृष्टि और संकर नामक भेदों में बाँटा है। 35. शब्दालंकार के कुछ प्रमुख भेद है-अनुप्रास शब्दालंकार-वर्णों (अक्षरों) की आवृत्ति को अनुप्रास कहते है.36. शब्दालंकार के कुछ प्रमुख भेद है-अनुप्रास शब्दालंकार -वर्णों (अक्षरों) की आवृत्ति को अनुप्रास कहते है. 37. शब्दालंकार के प्रमुख भेद है-१. अनुप्रास २.यमक ३.शेष१.अनुप्रास:-अनुप्रास शब्द 'अनु' तथा 'प्रास' शब्दों के योग से बना है ।38. अलंकार के निम्न तीन प्रकार होते हैं: शब्दालंकारः जहाँ शब्द चातुर्य के द्वारा काव्य का सौन्दर्यवर्द्ध किया जाता है वहाँ शब्दालंकार होता है। 39. शब्द के परिवृत्तिसह स्थलों में अर्थालंकार और शब्दों की परिवृत्ति न सहनेवाले स्थलों में शब्दालंकार की विशिष्टता रहने पर उभयालंकार होता है। 40. शब्द के परिवृत्तिसह स्थलों में अर्थालंकार और शब्दों की परिवृत्ति न सहनेवाले स्थलों में शब्दालंकार की विशिष्टता रहने पर उभयालंकार होता है।