31. और यदि तुम उस अंतराल को अनुभव कर सको तो शिव कहते है कि श्रेयस् उपलब्ध है। 32. और यदि तुम उस अंतराल को अनुभव कर सको तो शिव कहते है कि श्रेयस् उपलब् ध है। 33. परम श्रेयस् से नितान्त अनभिज्ञ होने के कारण लोग उसकी कल्पना में ही उलझ कर रह जाते हैं। 34. मैं यही समझने लगी हूं कि अपने विचारों के अनुरूप ही काम किया जाना श्रेयस् कर होता है। 35. वैसे भी दुश् मन अगर मजबूत हो भी तो उसे कमज़ोर आंकना और बताना श्रेयस् कर माना जाता है। 36. ब्राह्मण के लिए यह कम श्रेयस् कर नहीं है कि वह प्रिय पदार्थों से मन को हटा लेता है। 37. अगर तुम फूल के साथ ऐसे तीन मिनट रह जाओ, जिसमे मन कोई गति न करे, तो श्रेयस् घट जाएगा। 38. सभी धर्म पहले परम श्रेयस् में विश्वास करने की शिक्षा देते हैं जबकि बौद्ध धर्म का आधार वाक्य है ‘ 39. श् वास के भीतर आने के पश् चात और बाहर लौटने के ठीक पूर्व-श्रेयस् है, कल् याण है। 40. धर्म की स् थापना के लिए वह शांति श्रेयस् कर नहीं है, जो न् याय के शव पर खड़ी हो।