31. लीलावती में संख्या पद्धति का जो आधारभूत एवं सृजनात्मक प्रतिपादन किया गया है, वह आधुनिक अंकगणित तथा बीजगणित की रीढ़ है। 32. माया संख्या पद्धति का प्रयोग किया गया था| हालांकि इस पद्धति का उदगम स्थल कहाँ है, यह अभी विवाद का विषय है| 33. गणित का अध्यापक हूँ, छठी कक्षा में पहला अध्याय संख्या पद्धति का ही आता है जिसमें देवनागरी, अन्तर्राष्ट्रीय तथा रोमन अंक आते हैं। 34. प्राय: यह दाशमिक संख्या पद्धति में प्रयुक्त होता है और संख्या के पूर्णांक भाग एवं अपूर्णाक भागों के बीच में लगाया जाता है। 35. प्राय: यह दाशमिक संख्या पद्धति में प्रयुक्त होता है और संख्या के पूर्णांक भाग एवं अपूर्णाक भागों के बीच में लगाया जाता है। 36. भारत के विद्वान पिंगल (लगभग ५वीं से-२री शती ईसापूर्व) ने छन्दों के वर्णन में द्वयाधारी संख्या पद्धति का अत्यन्त बुद्धिमतापूर्वक प्रयोग किया है। 37. भारत के विद्वान पिंगल (लगभग ५वीं से-२री शती ईसापूर्व) ने छन्दों के वर्णन में द्वयाधारी संख्या पद्धति का अत्यन्त बुद्धिमतापूर्वक प्रयोग किया है। 38. द्वयाधारी = द्वि + आधारी = ' २' आधार वाला) केवल दो अंकों (० तथा १) को काम में लेने वाली स्थानीय मान संख्या पद्धति है। 39. द्वयाधारी = द्वि + आधारी = ' २' आधार वाला) केवल दो अंकों (० तथा १) को काम में लेने वाली स्थानीय मान संख्या पद्धति है। 40. द्वारा चीन मे पहुँचा| यह ध्यान देने की बात है कि चीनी संख्या पद्धति भी दाशमिक संख्या पद्धति थी, परन्तु उतनी परिष्कृत नही जितनी भारतीय संख्या पद्धति|