-केशवेंद्र कुमार-जाना जगजीत का जगजीत के जाने से गज़लों की दुनिया में जो सूनापन छाया है, उसके लिए यही कह सकते हैं कि जिंदगी की धूप से राहत देनेवाला गज़लों का सबसे घना सायादार वृक्ष आज नही रहा.
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तहज्जुद की नमाजौं में अभी रोया कहाँ हूँ मैं शजर एक सायादार उग आये जिस के खुश्क सीने से अभी वो बीज मिटटी में तेरी बोया कहाँ हूँ मैं तुम्हारे ख्वाब और ताबीर मेरी कोई तुक भी है अरे बेदार मग्जो!!
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जहां मिलन से जुडी ये प्यारी पंक्तियाँ हैं, वहीं विरह की वेदना, जो शायद विश्व भर की कवयित्रियों की चिरपरिचित काव्य-भूमि है, पर भी ममता की कलम निर्बाध चलती है-कभी इक पेड़ सायादार था जो, वही अब तनहा तनहा ढल रहा है।
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बहुत दिन गुज़रे अब देख आऊँ घर को कहेंगे क्या दर-ओ-दीवार मेरे वहीं सूरज की नज़रें थीं ज़ियादा जहाँ थे पेड़ सायादार मेरे वही ये शहर है तो शहर वालो कहाँ है कूचा-ओ-बाज़ार मेरे तुम अपना हाल-ए-महजूरी सुनाओ मुझे तो खा गये आज़ार मेरे {{हाल-ए-महजूरी=
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शिखा, सच तुम्हारी ये पोस्ट आंखों में आंसू ले आई, पिता बच्चों के लिये एक सायादार दरख़्त की तरह होता है, जिस की छत्र छाया में ज़िंदगी कैसे गुज़रती है, ज़िंदगी की कठिनाइयों की धूप कैसे नर्म ठंडी बयार में बदल जाती है पता ही नहीं चलता
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नज़र से दिल में मुहब्बत उतारने वाला बहुत अजीज़ है मुश्किल में डालने वाला नयी सहर के दिलासों के बीच छोड़ गया हथेलियों से सूरज निकालने वाला चहार सम्मत से अब धूप के अज़ाब में है वो सायादार दरख्तों को काटने वाला तेरा करम जो नवाज़े तो मै भी बन जाऊँ इबादतों मे
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अबादतो की तरह मै यह काम करता हूँ मेरा उसूल है पहले सलाम करता हूँ मखालफत से मेरी शख्सियत सवरती है मै दुश्मनों का बड़ा एहेतराम करता हूँ मै अपनी जेब में अपना पता नही रखता सफर में सिर्फ़ यही एह्तमाम करता हूँ मै डर गया हूँ बहुत सायादार पेडो से ज़रा सी धुप...
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अबादतो की तरह मै यह काम करता हूँ मेरा उसूल है पहले सलाम करता हूँ मखालफत से मेरी शख्सियत सवरती है मै दुश्मनों का बड़ा एहेतराम करता हूँ मै अपनी जेब में अपना पता नही रखता सफर में सिर्फ़ यही एह्तमाम करता हूँ मै डर गया हूँ बहुत सायादार पेडो से ज़रा सी धुप
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ये किसकी आहट है कैफ भोपाली ने कहा थाकौन आया है यहां कोई न आया होगा मेरा दरवाज़ा हवाओं ने हिलाया होगाकैफ परदेस में मत याद करो अपना मकांअबके बारिश ने उसे तोड़ गिराया होगामाता पिता दरअस्ल में वो सायादार वृक्ष हैं जिनकी छांव में बैठकर हम उम्र भर बच्चे बने रहने का आनंद उठाना चाहते हैं ।
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ये किसकी आहट है कैफ भोपाली ने कहा था कौन आया है यहां कोई न आया होगा मेरा दरवाज़ा हवाओं ने हिलाया होगा कैफ परदेस में मत याद करो अपना मकां अबके बारिश ने उसे तोड़ गिराया होगा माता पिता दरअस्ल में वो सायादार वृक्ष हैं जिनकी छांव में बैठकर हम उम्र भर बच्चे बने रहने का आनंद उठाना चाहते हैं ।
सायादार sentences in Hindi. What are the example sentences for सायादार? सायादार English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.