31. राघवन, मालती मैत्रेयी, सुव्रत राजू के साथ साथ दर्जनों अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया। 32. इसी प्रकार इनके चचेरे भाई सुव्रत के पुत्र अम्बष्ठ ने एक गणराज्य की स्थापना की । 33. माघे निमग्नाः सलिले सुशीते विभुक्तपापास्त्रिदिवं प्रयान्ति॥ सुव्रत को अपने उद्धार का मूल मंत्र मिल मिल गया। 34. लड़कों की उस बेहूदी हँसी से ही सुव्रत ने अंदाजा लगाया कि शायद इनके इरादे भयानक हैं। 35. पार्टी में दीप्ती, दिव्या, बीनेर के अलावा सुव्रत ने अपने ड्रेसअप से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। 36. सुव्रत ने हँसने की कोशिश की, लेकिन असह्य दर्द में फँस कर हँसी विद्रूप हो गई।37. इससे सन्तुष्ट हुए भगवान् गजानन ने कहा-' हे सुव्रत ! मैं प्रसन्न हूँ, वर माँगो। 38. ‘ आप लोग कौन हैं ' सुव्रत को उन लड़कों का यह ढंग बेहत आपत्तिजनक लगा था। 39. लेकिन सुव्रत जो शादीशुदा होकर भी एक लड़की से फँसा था, उसने इन पर भरोसा नहीं किया। 40. खूब! बहुत खूब!-सुव्रत ने सोचा और उसके होठों पर एक कुटिल मुस्कान फैल गई।