31. इनसे इतर विचारधारा का दार्शनिक स्टोइक यद्यपि स्वयं शाकाहारी नहीं था पर उसके प्रसिद्ध शिष्य सेनेका शाकाहारी थे। 32. जर्मन दार्शनिक इमैनुएल कांट (1724-1804) की ज्ञानमीमांसा पढ़ते हुए हमें स्टोइक दार्शनिकों की इसीलिए याद आ जाती है। 33. स्टोइक दार्शनिकों ने व्यवस्थित व्यक्तिगत जीवन के माध्यम से व्यवस्थित एवं संपन्न सामाजिक जीवन की आशा की थी।34. जर्मन दार्शनिक इमैनुएल कांट (1724-1804) की ज्ञानमीमांसा पढ़ते हुए हमें स्टोइक दार्शनिकों की इसीलिए याद आ जाती है। 35. स्टोइक दार्शनिकों ने व्यवस्थित व्यक्तिगत जीवन के माध्यम से व्यवस्थित एवं संपन्न सामाजिक जीवन की आशा की थी।36. स्टोइक दार्शनिकों को अग्नि और बुद्धि में स्वभावसाम्य दिखाई दिया और उन्होंने कहा कि प्राथमिक अग्नि ही ईश्वर है।37. स्टोइक दार्शनिकों को अग्नि और बुद्धि में स्वभावसाम्य दिखाई दिया और उन्होंने कहा कि प्राथमिक अग्नि ही ईश्वर है।38. ग्रीक स्टोइक दर्शनले मानिसोस स्पर्मैटिकोज लाई (“वीर्य सम्बन्धी शब्द”) जो कि निष्क्रिय उत्पादित द्रव्य छ, सक्रिय कारणका सिद्धान्तका रूपमा देखा छ। 39. इस दृष्टि से, स्टोइक दार्शनिकों ने पाश्चात्य जगत् को वह मूल मंत्र दिया था, जिसकी सभी सामाजिक विचारकों ने बार बार आवृत्ति की। 40. इस दृष्टि से, स्टोइक दार्शनिकों ने पाश्चात्य जगत् को वह मूल मंत्र दिया था, जिसकी सभी सामाजिक विचारकों ने बार बार आवृत्ति की।