31. व्यायामी पुरुष को जागृत वा स्वप्नावस्था में भी किसी प्रकार भी वीर्यनाश का भय नहीं रहता । 32. उन्हें इस स्थान पर ध्यानावस्था / स्वप्नावस्था में भगवान ने स्वंय मंदिर होने का बोध कराया था। 33. जो स्वप्नावस्था है वही अवस्था साधन में होती है और वही मरने के बाद होती है. 34. स्वप्नावस्था में सुख-दुख, भय आद्गचर्य या फिर अजीब तरह के स्वप्न आ सकते है।35. इस ब्लॉग में हम केवल चेतना के स्वप्नावस्था (नींद में विचार एवं दृद्गय) का वर्णन करेंगे। 36. जिस प्रकार इनका प्रभाव जाग्रत में होता है उसी प्रकार स्वप्न का प्रभाव स्वप्नावस्था में भी होता है. 37. यही तीन गुण हमारी चेतना की तीन अवस्थाओं-जागृत अवस्था, सुप्ताव्स्था और स्वप्नावस्था से भी संबंधित है । 38. पिछली शताब्दी की विख्यात आध्यात्मिक विभूति महर्षि रमण के अनुसार जाग्रत निद्रा और स्वप्नावस्था में वास्तविक अवस्था नींद ही है। 39. स्फूर्ति माने क्या? ताजगी, ताजगी कवि की स्वप्नावस्था का अभीष्ट नहीं हो सकता? तो फिर क्या? 40. स्वप्नावस्था में यह ज्ञान मन से उसकी वासना वासनानुसार होता है जबकि सुषुप्तावस्था में मन भी सुप्त हो जाता है।