31. आणि मग आपली ही पुरातन आणि पवित्र भाषा कायम स्वरूपी काळाच्या पडद्याआड जाईल. 32. सह-अस्तित्व स्वरूपी अस्तित्व दर्शन हमको पूर्णतया समझ में आने पर हम “समझदार” हुए। 33. “मनुष्य सह-अस्तित्व स्वरूपी सत्य को समझ सकता है”-यह समझ में आया। 34. दर्शन, विचार, शास्त्र के साथ “मानवीय आचार संहिता स्वरूपी संविधान” लिख कर दिया। 35. अध्ययन विधि से सह-अस्तित्व स्वरूपी सत्य बोध होता है, फलतः अनुभव होता है। 36. हे शब्द स्वरूपी कर्ता अर्थात् शब्द से सर्व सृष्टि के रचनहार (गोश) निर्गुणी संत 37. वाणी में कहा है किः-शब्द स्वरूपी संग हैं, रहें न तुमसे दूर। 38. बुद्धि में बोध के बाद आत्मा सह-अस्तित्व स्वरूपी अस्तित्व में अनुभव करता ही है। 39. अभी परंपरागत शिक्षा में सह-अस्तित्व स्वरूपी सत्य को समझाने की कोई गुंजाइश नहीं है। 40. कल्पनाशीलता के प्रयोग से सह-अस्तित्व स्वरूपी सत्य को समझना ही ज्ञान के लिए रास्ता है।