31. स्वर विज्ञान से भविष्य का ज्ञान पं. शरद त्रिपाठी प्राचीन काल में स्वर विज्ञान से भी फल कथन किया जाता था।32. स्वर विज्ञान से भविष्य का ज्ञान पं. शरद त्रिपाठी प्राचीन काल में स्वर विज्ञान से भी फल कथन किया जाता था। 33. स्वर विज्ञान न केवल दिनचर्या के लिए मार्ग दर्शक है वरन मुहूर्त ज्योतिष एवं प्रश्न ज्योतिष में भी इसकी उपादेयता निःसंदिग्ध है।34. स्वर विज्ञान के अनुसार चंद्र और सूर्य नाड़ी से श्वास-प्रश्वास के जरिए कई तरह के रोगों को ठीक किया जा सकता है।35. इस प्रकार धीरे-धीरे एक-एक कर स्वर विज्ञान की बातों को अपनाते हुए हम अपने जीवन में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त कर सकते हैं। 36. धर्म विज्ञान, औषधि विज्ञान, स्वर विज्ञान , गणित, ज्योतिष आदि विषयों में योग्यता पूर्ण साहित्य संस्कृत में प्राप्त है। 37. स्वर विज्ञान के अनुसार चंद्र और सूर्य नाड़ी से श्वास-प्रश्वास के जरिए कई तरह के रोगों को ठीक किया जा सकता है।38. माँ चंद्रघंटा की कृपा से विविध प्रकार की ध्वनियां सुनाई देती हैं इसलिए इन्हें स्वर विज्ञान की देवी भी कहा जाता है। 39. भाषा विज्ञान में, एक पंजीकृत भाषा वह भाषा है जो सुर और स्वर को एक एकल स्वर विज्ञान प्रणाली में संयुक्त करती है. 40. लेकिन इसके स्वर विज्ञान और रूप विधान, दोनों में आरंभिक प्राकृत भाषाओं, विशेषकर पालि और आदि-आर्य भाषाओं) का प्रभाव है।