41. वह शरीर के अंगों की रक्षा करने वाला तथा सौभाग्य आदि देने वाला है, इसीलिए अंगारक कहलाया। 42. उन्होंने सुर समुदाय के साथ अमृतपान किया और वह परमपावनी तिथि ' अंगारक चतुर्थी' के नाम से प्रख्यात हुई। 43. मेष लग्न के लोगों की कुंडली में मंगल यदि राहु के साथ युत हो तो अंगारक योग बनता है। 44. पृथ्वीनन्दनमंगल अपनी तेजस्विता एवं रक्तवर्ण के कारण अंगारक भी कहे जाते हैं, जिसका मतलब है अंगारे के समान लाल। 45. ' “मंगल अंगार की भांति आभा उत्पन्न कर अपना अंगारक नाम सार्थक कर रहा था”पंक्ति का वैचिŒय देखने योग्य है। 46. जब राहु की मंगल से युति यानी अंगारक योग हो तब संबंधित जातक को भारी कष्ट का सामना करना पड़ता है। 47. ' “मंगल अंगार की भांति आभा उत्पन्न कर अपना अंगारक नाम सार्थक कर रहा था” पंक्ति का वैचिŒय देखने योग्य है। 48. इसका वर्ण लाल है पर कभी-कभी बहुत लाल दिखाई देता है इसीलिए इसे अग्नि, अंगारक और लोहितांग भी कहा जाता है। 49. पृथ्वी नन्दन मंगल अपनी तेजस्विता एवं रक्तवर्ण के कारण अंगारक भी कहे जाते हैं, जिसका मतलब है अंगारे के समान लाल। 50. भूमि का पुत्र होने से वह ' भौम ' कहलाया और कुज, रक्त, वीर, अंगारक आदि नामों से प्रसिद्ध हुआ।