41. दूसरी ओर, एंजाइम तंत्र किसी माध्यमिक अणुभार वस्तु का प्रदर्शन नहीं करता और अवक्रमण के साथ भार में बहुत कम परिवर्तन होता है. 42. दूसरी ओर, एंजाइम तंत्र किसी माध्यमिक अणुभार वस्तु का प्रदर्शन नहीं करता और अवक्रमण के साथ भार में बहुत कम परिवर्तन होता है. 43. इस विधि से उन कई धातुओं का अणुभार निकाला गया है, जो तनुघात्विक विलयन में अलग परमाणु के रूप में रहती है। 44. प्रयोगों से थॉर्प तथा रॉजर (Thorpe and Rodger) ने यह पाया कि किसी सजातीय श्रेणी का श्यानतागुणांक उसके अणुभार के साथ बढ़ता जाता है। 45. बाद में पाया गया कि कुछ ऐसे यौगिक भी हैं जिनके संगठन, अणुभार तथा अणु-अवयव एक होते हुए भी, उनके गुणों में विभिन्नता है। 46. यौगिकों के अणुभार और संरचना के एक रहते हुए भी परमाणुओं के विभिन्न दिशाओं में व्यवस्थित रहने के कारण यौगिक में समावयवता हो सकती है। 47. पैराफिन यौगिकों की श्रेणी में यौगिकों के अणुभार ज्यों ज्यों बढ़ते हैं त्यों त्यों यौगिकों के विशिष्ट गुरुत्व, गलनांक और क्वथनांक भी बढ़ते जाते हैं। 48. यौगिकों के अणुभार और संरचना के एक रहते हुए भी परमाणुओं के विभिन्न दिशाओं में व्यवस्थित रहने के कारण यौगिक में समावयवता हो सकती है। 49. पैराफिन यौगिकों की श्रेणी में यौगिकों के अणुभार ज्यों ज्यों बढ़ते हैं त्यों त्यों यौगिकों के विशिष्ट गुरुत्व, गलनांक और क्वथनांक भी बढ़ते जाते हैं। 50. यौगिकों के अणुभार और संरचना के एक रहते हुए भी परमाणुओं के विभिन्न दिशाओं में व्यवस्थित रहने के कारण यौगिक में समावयवता हो सकती है।