41. ऋषिकेश पंचांग के अनुसार अमावस्या तिथि, स्थिर, लग्न, प्रदोष काल की गोधूलि बेला में पूजा एवं अनुष्ठान करना उत्तम होता है। 42. जहाँ पर अनुष्ठान करना हो, वहाँ ईशान कोण (पूर्व व उत्तर के बीच की दिशा) में तुलसी का पौधा रखें । 43. यदि दीपावली पर आप भी कोई तांत्रिक अनुष्ठान करना चाहते हैं तो इस आलेख में दी गई जानकारियां आपके लिए बहुमूल्य हैं। 44. मंगला गौरी और वट सावित्री का व्रत सौभाग्य प्रदान करने वाला है. दोष निवारण हेतु इस व्रत का अनुष्ठान करना लाभदायी होता है. 45. सबसे बड़ी बात यह है जिस समस्या का समाधन करना है उसी से सम्बन्धित मंत्र के द्वारा पूजा व अनुष्ठान करना चाहिए। 46. जहां कुछ व्यक्ति सामूहिक रूप से ध्यान, साधना, तपोयोग या मंत्र अनुष्ठान करना चाहें, उन्हें चातुर्मास का उपहार प्राप्त हो सकता है। 47. योगमार्ग पर आरूढ़ होनेवाले व्यक्ति को योग के अंतिम स्तर तक पहुँचने के लिये यौगिक प्रक्रियाओं का क्रमवार पालन व अनुष्ठान करना चाहिये। 48. पारः बना है पृ धातु से जिसमें उद्धार करना, अनुष्ठान करना , उपसंहार करना, योग्य या समर्थ होना जैसे भाव हैं। 49. लाल अथवा सफेद आसन पूरब की ओर बैठकर नवरात्रि करने वाले विशेष को पूजा, मंत्र जप, हवन एवं अनुष्ठान करना चाहिए। 50. अत: इसका प्रयोग क्षुद्र कामनाओं के लिये नही करना चाहिये, व्यक्ति समाज राष्ट्र के वास्तविक कल्याण हेतु ही इसका अनुष्ठान करना चाहिये।