41. घर के बचबा सब के साथ हमलोग भी बड़का टोकना में पक रहे नयका अरवा चावल के गमके से इधर-उधर चौकरी भर रहे थे। 42. रामजी बिफर उठा, “ कैसा धरम-करम? जब बेटा ही नहीं रहा-फिर अरवा चावल खाने के लिए पैसा भी तो हो … ” 43. नहाय खाय के दिन लोग अरवा चावल का भात, चना दाल तथा लौकी की सब्जी बनाकर भगवान भास्कर को प्रसाद चढ़ाकर उसे ग्रहण करेंगे। 44. अगहन की समाप्ति के साथ ही घरों में लड़कियाँ अरवा चावल (कच्चे चावल) के आटे और गोबर के गोल-गोल पिण्ड बनाती हैं। 45. यह भी साफ किया गया है कि यदि उसना मिलें, अरवा चावल का उत्पादन भी करती हैं तो उनसे भी लेव्ही ली जा सकेगी। 46. अरवा चावल का भात, नयका अरहर का दाल, आलू-बैगन-बड़ी के तरकारी, आम का अंचार, कद्दू के भुजिया, तिलकोर का तरुआ, तिलौरी पापर.....! ओह...47. वीरवार को खरना पर व्रत रखने वाली महिलाओं ने स्नान के बाद अरवा चावल , चना दाल और कद्दू की सब्जी खाकर व्रत का शुभारंभ किया। 48. छठ व्रतियां आज स्नान ध्यान के बाद अरवा चावल का भात, चना का दाल एवं कद्दू की सब्जी खाने के साथ व्रत की शुरुआत की। 49. नहाय-खाय: इस पर्व के पहले दिन नहाय-खाय के दौरान व्रतियों द्वारा स्नान कर कद्दू की सब्जी व अरवा चावल का प्रसाद ग्रहण किया जाता है। 50. प्रथम दिन अर्थात् चतुर्थी को दोनों समय केवल कद्दू, अरवा चावल तथा चने की दाल तथा सेंधा नमक मिश्रित भोज्य पदार्थ ग्रहण करना होता है।