41. किया है और यह विधान अधिकतर भाव या विषय के अनुरूप तथा अर्थविस्तार में 42. इन्ही का अर्थविस्तार होता है ग़रीब, कृपण, कंजूस, कमीना, नीच, दुष्ट आदि के रूप में। 43. अरबी के दुक्काँ शब्द में अर्थविस्तार हुआ और इसमें शॉप का आशय भी आ गया। 44. . समय के साथ शब्दों के अर्थ बदलते हैं किसी का अर्थविस्तार तो किसी का अर्थसंकोच। 45. समय के साथ शब्दों के अर्थ बदलते हैं किसी का अर्थविस्तार तो किसी का अर्थसंकोच। 46. अरबी के दुक्काँ शब्द में अर्थविस्तार हुआ और इसमें शॉप का आशय भी आ गया। 47. समय के साथ शब्दों के अर्थ बदलते हैं किसी का अर्थविस्तार तो किसी का अर्थसंकोच। 48. अर्थविस्तार होते हुए इसमें मनोहर, प्रिय, अत्युत्तम, आलीशान जैसे भाव भी समा गए।49. इस तरह लोक यानी देखना का अर्थविस्तार “जो दिख रहा है” के रूप में हुआ । 50. वाचिकयुग का साहित्य आधुनिक किताबयुग आने के बाद और भी ज्यादा समृद्ध होता है, अर्थविस्तार पाता है।