इक प्रेम दीवानी मौन हुई कहो प्रेम में ग़लती कौन हुई? गिरा ब्रजरानी का अश्रुजल धुल गये कान्हा के चरण-कमल हाथों से उसे उठाते हैं फिर प्यार से गले लगाते हैं राधा के पोंछते हुए नयन बोले कान्हा यह मधुर वचन
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चककती आँखें हैं और हिन्दी-अंग्रेज़ी में बतियाते हुए कभी हँसतीं, अश्रुजल बहाती तो कभी कहीं शून्य में खो जातीं.देह-भाषा एक मासूम बच्चे सी और भाषा और चिंतन किसी गूढ़-गंभीर विदूषी जैसा.ये उनके आभामण्डल का ही परिणाम है कि एक स्थानीय होटल में बैठा हूँ लेकिन लग रहा है फिलवक्त ये जगह चैतन्य महाप्रभु के आश्रम में तब्दील हो गई है.
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रुक्मणी भी पीछे भागने लगी यह देख के सारी सेना जगी दामा को सम्मुख देख लिया और जा के गोद भर ही लिया बहें दोनों की आँखों से अश्रुजल बनकर धारा बिना कोई हलचल बस दोनों ही हैं आज मूक आँखों से भी नहीं हो रही चूक इक टेक हैं दोनो देख रहे कोई क्या कहे? और कैसे कहे?
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प्रेम-आत्म विभोरता के सामने शहंशाहियत का ठाठ-बाट, ऐश्वर्य-वैभव कुछ भी नहीं हृदय हो जाता नशेमान, विह्वल जब चढ़ता है रंग प्रेम का किन्तु जरा सी असावधानी संगत मनुहार में जब गिरते हैं अश्रुजल, हृदय पत्रों पर तैरता है मन बेकल विकल आत्म पीड़ा-मझधार में पता नहीं कहां से कैसे प्रेम-संवेदना ने की सगाई जबसे द्रवित मन में तुम आई..
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गिरा ब्रजरानी का अश्रुजल धुल गये कान्हा के चरण-कमल हाथों से उसे उठाते हैं फिर प्यार से गले लगाते हैं राधा के पोंछते हुए नयन बोले कान्हा यह मधुर वचन तुम क्यों अधीर हो रही प्रिय अब ध्यान से मेरी सुनो विनय तुम प्रेम की देवी हो राधे सब प्रेम से ही कारज साधे फिर रूठी है क्यों मेरी प्रिया कहो, तुम बिन मैंने किया क्या?
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जल, हाँ अश्रुजल से धूंधलाई आँखों को सपनों के सोखते से सुखाने की कोशिश में, स्याह रंगत में घुलती सांझ को सुख की रंगीनियों से जगमगाने की कोशिश में रत मैं बरबट्टी तोड़ती और मन के भीतर की ऊष्म आर्द्रता, सिर झुकाए, आँखों में घोलती तुम, देख नहीं सकोगी अपनी आँखों के केसर घुले अश्रुजल को मेरे पास वो ताब नहीं या वो दर्पण नहीं कि तुम्हारी आँखो में केसर घुले आँसुओं की झलक परावर्तित कर सकूँ |
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जल, हाँ अश्रुजल से धूंधलाई आँखों को सपनों के सोखते से सुखाने की कोशिश में, स्याह रंगत में घुलती सांझ को सुख की रंगीनियों से जगमगाने की कोशिश में रत मैं बरबट्टी तोड़ती और मन के भीतर की ऊष्म आर्द्रता, सिर झुकाए, आँखों में घोलती तुम, देख नहीं सकोगी अपनी आँखों के केसर घुले अश्रुजल को मेरे पास वो ताब नहीं या वो दर्पण नहीं कि तुम्हारी आँखो में केसर घुले आँसुओं की झलक परावर्तित कर सकूँ |
अश्रुजल sentences in Hindi. What are the example sentences for अश्रुजल? अश्रुजल English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.