41. जब कार्बन में संयोजित चारों समूह भिन्न-भिन्न होते हैं, तब ऐसे कार्बन को असममित कार्बन (asymmetric carbon) कहते हैं। 42. लैक्टिक अम्ल, (CH 3. CH. OH. COOH) में एक असममित कार्बन परमाणु है। 43. जिन अणुओं में इस प्रकार के असममित कार्बन होंगे, वे विलयनों और क्रिस्टनों में प्रकाश-घूर्णन प्रदर्शित करते हैं। 44. प्रकाशत: सक्रिय कार्बनिक यौगिकों में एक, अथवा एक से अधिक, असममित कार्बन परमाणु अवश्य रहते हैं। 45. वे यौगिक, जिनमें दो भिन्न असममित कार्बन परमाणु हों 2 x 2 अर्थात् चार रूपों की क्षमता रखते हैं। 46. टार्टेरिक अम्ल की विशेषता यह है कि इसके दोनों असममित कार्बन के साथ एक ही प्रकार के समूह संबद्ध हैं। 47. में बदला जा सकता है और जैसे कि इसमें एक असममित कार्बन है वैसे ही हर ग्लिसरैल्डीहाइड दो रूप देंगे। 48. यौगिकों में ज्यों-ज्यों असममित कार्बन परमाणुओं की संख्या बढ़ती जाती है त्यों-त्यों अधिक समावयवी रूपों की संभावना बढ़ती जाती है। 49. साधारण दशा में एक असममित यौगिक के, जिसमें संख्या द असममित कार्बन परमाणु हों, प्रकाशत: सक्रिय समावयवों की संख्या 2 50. वे यौगिक, जिनमें दो भिन्न असममित कार्बन परमाणु हों 2 x 2 अर्थात् चार रूपों की क्षमता रखते हैं।