41. उसका शहंशाह का चिन्तन ऊपर-ऊपर से थोपा हुआ नहीं था अपितु गुरूवचन गहरा चला गया था उसके अंतर में। 42. मैं बोली, बिल्लू नहीं! ऐसा कुछ नहीं होगा, सिर्फ ऊपर-ऊपर से करो जैसा उस दिन किया था। 43. ऊपर-ऊपर से यह इतनी सभ्य, सुशील, सम्भ्रांत होती है कि कोई इसको लेकर अधिक आपत्ति नहीं कर सकता।44. मैं समझ गई कि कोई भी ऐसे वर्णन को ऊपर-ऊपर से पढ़ नहीं सकता या उसकी अनदेखी नहीं कर सकता। 45. हमने सोचा कि जब उतनी ही ऊर्जा की जरूरत है तो ऊपर-ऊपर से ही करके निकल जाते हैं ” । 46. मैं समझ गई कि कोई भी ऐसे वर्णन को ऊपर-ऊपर से पढ़ नहीं सकता या उसकी अनदेखी नहीं कर सकता। 47. मुझे नहीं लगता कि ऊपर-ऊपर से इसमें कोई आपत्तिजनक बात दिखती है लेकिन ये बात अन्दर से बेहद ख़तरनाक अवधारणा है। 48. यह नहीं कि किसी राहगीर की तरह ऊपर-ऊपर से हमदर्दी के आँसू बहा लो मगर करो कुछ नहीं और चलते बनो। 49. मुझे नहीं लगता कि ऊपर-ऊपर से इसमें कोई आपत्तिजनक बात दिखती है लेकिन ये बात अन्दर से बेहद ख़तरनाक अवधारणा है। 50. यह नहीं कि किसी राहगीर की तरह ऊपर-ऊपर से हमदर्दी के आँसू बहा लो मगर करो कुछ नहीं और चलते बनो।