41. इसके लिए हल्की से मध्यम किस्म की दुमट, बलुई दुमट, कछारी (एलूवियल) मिट्टी वाले खेत ही चुनें। 42. हिंदी एवं तिब्बती-बर्मी वर्ग की भाषाओं की समस्त्रोतीय शब्दावली: मणिपुरी, बोड़ो, त्रिपुरी एवं दिमासा कछारी की / 43. पूर्वजपूजा और प्रकृतिपूजा के छिटपुट प्रमाण मिलते हैं किंतु इनका कछारी धार्मिक विश्वासों में अधिक महत्व नहीं है। 44. ये संसार के विशालतम सपाट कछारी विस्तारों और पृथ्वी पर बने सर्वाधिक घने क्षेत्रों में से एक हैं। 45. जो छठी शताब्दी ईपू-से ही गंगा और कावेरी की घाटियों के उर्वर कछारी क्षेत्र में फ़ैल गया था। 46. जलोढ़ी या कछारी (एल्यूवियल) भूमि के भभ्भर क्षेत्रों की दक्षिणी तीच्र ढालों को लगभग समतल में बदल देते हैं। 47. उत्तर के मुक़ाबले दक्षिण गांगेय मैदान ज़्यादा विविध है और अनेक पहाड़ियों का उत्थान कछारी सतह से होता है। 48. आपको यह करना है-सरसों के लिए दुमट, कछारी , चिकनी दुमट मिट्टी आदि उपयुक्त होती है। 49. जलोढ़ी या कछारी (एल्यूवियल) भूमि के भभ्भर क्षेत्रों की दक्षिणी तीच्र ढालों को लगभग समतल में बदल देते हैं। 50. असम राज्य के उत्तरी असम-भूटान-सीमावर्ती कामरूप और दरंग जिले वर्तमान कछारी या ' बोड़ो' कबीले का मुख्य निवास स्थान हैं।