41. इसके पत्ते और छाल गलितकुष्ठ और कण्ठमाला को दूर करने के लिए खाने और लगाने के कार्य में प्रयुक्त किए जाते हैं। 42. यह रस जीर्णवात रोग, आमवात, सन्धिवात, जीर्णसुजाक, फिरंगरोग, कण्ठमाला , अन्तर्विद्रधि अदि रोगों में बेहद प्रभावशाली है। 43. आयोजकों ने बताया कि मेले के अंतर्गत विषबेल, कण्ठमाला , सर्प काटने का उपचार निश्शुल्क रूप से बायगीरों द्वारा किया जाएगा। 44. गलगण्ड या कण्ठमाला : कायफल को बारीक पीसकर तथा गोमूत्र में मिलाकर लेप करने से प्रत्येक प्रकार की कण्ठमाला ठीक हो जाती है। 45. गलगण्ड या कण्ठमाला: कायफल को बारीक पीसकर तथा गोमूत्र में मिलाकर लेप करने से प्रत्येक प्रकार की कण्ठमाला ठीक हो जाती है। 46. आपका डॉक्टर आपसे से पूछेगा की किसी भी व्यक्ति को कण्ठमाला का रोग हो या चेहरे की सूजन के लिए जाना जाता हो 47. अपामार्ग की जड़ की राख को खाने और गांठों पर लगाने से कण्ठमाला रोग (गले की गांठे) समाप्त हो जाता है। 48. उत्तरी अमेरिका में, दाद सिंप्लेक्स वायरस इन्सेफेलाइटिस के अलग फैलने का सबसे आम कारण है, जबकि ब्रिटेन में, यह कण्ठमाला का रोग वायरस है. 49. सूरजमुखी और लहसुन को पीसकर पुल्टिस (पोटली) बनाकर कण्ठमाला की गिल्टियों (गले की गांठों) पर बांधने से लाभ मिलता है। 50. एक बार जब आप ठीक हो जाओ, तो आमतौर में आपकी जीवन के बाकी के कण्ठमाला रोग के वायरस से प्रतिरक्षा हो जाती हैं.......