41. खुले नाग-फनों के बीच कुटज के फूल की तरह ललिता का मुख घूम रहा था । 42. सीदी, मौला, अघोर, भैरव, कुटज , शिरीष आदि इसी तरह के है. 43. कुटज तरु, एक नए शब्द से परिचित हुआ (शायद केक्टस को कहते होंगे) ।44. उनकी लिखी पंक्तियां याद आती हैं और याद आता है कुटज जो सिर उठाकर जीता है... 45. मणि-नागों के बीच कुटज के फूल जैसी ललिता नाचते-नाचते भगवती के मंदिर की ओर दौड़ पड़ी । 46. कुटज (कुरैया):-इसकी छाल का काढ़ा तक्र या बेल के गूदा के साथ सेवन करें ।47. मणि-नागों के बीच कुटज के फूल जैसी ललिता नाचते-नाचते भगवती के मंदिर की ओर दौड़ पड़ी । 48. कुटज भी हो तो क्या आश्चर्य? संस्कृत भाषा ने शब्दों के संग्रह में कभी छूट नहीं मानी।49. संस्कृत में ‘कुटज ' रूप भी मिलता है और ‘कुटच' भी। मिलने को तो कुटज भी मिल जाता है। 50. मेरा लघुशोध प्रबंध प्रस्तावना लघुशोध अपने एक निबंध कुटज में ' हजारी प्रसाद द्विवेदी ' ने लिखा है-