41. कुलीना -तो अब क्या करना होगा? हरदौल-मैं स्वयं इसी सोच में हूँ।42. कुलीना -निस्संदेह मुझसे अपराध हुआ है, पर एक अबला आपसे क्षमा का दान माँगती है।43. कुलीना ने जी कड़ा करके कहा, “महाराज, कैसे आऊँ? मैं अपनी जगह क्रोध को बैठा पाती हूँ।”44. कुलीना -निस्संदेह मुझसे अपराध हुआ है, पर एक अबला आपसे क्षमा का दान माँगती है।45. राजा जुझारसिंह बोले, “ कौन है? कुलीना ! भीतर क्यों नहीं आ जाती? ” 46. सोना ज्यादा गर्म हो पर पिघल जाता है. कुलीना रोने लगी. क्रोध की आगपानी बन कर आँखों से निकल पड़ी. 47. कुलीना ने जी कड़ा करके कहा, ” महाराज, कैसे आऊँ? मैं अपनी जगह क्रोध को बैठा पाती हूँ।48. सुन्दरता और आत्मरुचि का साथ है. हल्दी बिना रंग के नहीं रह सकतीथोड़ीदेर के लिए कुलीना सुन्दरता के मद से फूल उठी. 49. कुलीना कुमारी भारत विभिधताओं वाला देश है और यहां विभिन्न प्रकार के पर्व त्योहार मनाए जाते हैं, अर्थात यहां व्रत व पूजा-पाठ का विशेष महत्व है।50. राजा जुझारसिंह बोले, “कौन है? कुलीना! भीतर क्यों नहीं आ जाती?” कुलीना ने जी कड़ा करके कहा, “महाराज, कैसे आऊँ? मैं अपनी जगह क्रोध को बैठा पाती हूँ।”