41. रंग और कूँची उनके जीने का सहारा बने ; जबकि इससे पहले न कभी उन्होंने चित्र बनाए न बाद में किसी से प्रशिक्षण लिया। 42. पर्णविहीन उस जंगल के पेड़ों के तनों पर जैसे मौका पाकर किसी चित्रकार ने अपनी कूँची से नर्म रौशनी का रंग फेर दिया था। 43. ताजमहल की छाया में: अज्ञेय मुझ में यह सामर्थ्य नहीं है मैं कविता कर पाऊँ, या कूँची में रंगों ही का स्वर्ण-वितान बनाऊँ । 44. आजकल देवेन्द्रजी की कूँची का जादू अहा! ज़िन्दगी में सर चढ़ कर बोल रहा है…तक़रीबन हर माह देवेन्द्र के करिश्मे को आप यहाँ देख सकते हैं। 45. क्यों कूँची को चुना? एक तरफ सत्य जानते हुए भी प्रसाद............. सामाजिक बाह्य धर्म को निभा रहे हैं. दूसरी तरफ उत्तमा जी................. 46. क्या भूलूँ, क्या याद करुँ ' की ललक में ' भूले बिसरे चित्र ' पर कूँची फेरने लगा तो परती परिकथा उजागर हो गयी । 47. लघुकथा क्षण-विशेष में उपजे भाव, घटना या विचार के कथ्य-बीज की संक्षिप्त फलक पर शब्दों की कूँची और शिल्प से तराशी गई प्रभावी अभिव्यक्ति है। 48. जी हाँ, यह पेंटिंग बना भेजी है प्रणव गौड़ 'कुश' ने, जो हर त्योहार पर हमें कोई न कोई चित्र अपनी नन्ही कूँची से बना भेजते हैं। 49. अपने अभय तिवारी ने उनसे कहा कि जिन हाथों में कूँची पकड़ते हो उन हाथों में तुम अब कार्बाइन थामोगे? मैं इस सोच का विरोध करता हूँ! 50. यह मेरे लिए विशेष गर्व का विषय हुआ करता और प्रतिवर्ष मेरा यह प्रयास रहता कि किसी नए विषय पर अपनी कलम कूँची आजमाऊँ और अपनी भेंट शाला में प्रस्तुत करूँ।