4. Parliamentary Secretary of the ruling party MPs are. Pay the post after he was appointed Minister of the Parliament and its committees to work in gun give help. They took over from Prime Minister's wishes, they oath of office taken by the Prime Minister when in fact they are not members of the Council of Ministers has just the rank of minister. 4. संसदीय सचिव सत्तारूढ दल के संसद सद्स्य होते है इस पद पे नियुक्त होने के पश्चात वे मंत्री गण की संसद तथा इसकी समितियॉ मे कार्य करने मे सहायता देते है वे प्रधान मंत्री की इच्छा से पद ग्रहण करते है वे पद गोपनीयता की शपथ भी प्रधानमंत्री के द्वारा ग्रहण करते है वास्तव मे वे मंत्री परिषद के सद्स्य नही होते है केवल मंत्री का दर्जा प्राप्त होता है।
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Parliamentary secretary is the member of parliament from the ruling party after his appointment he helps the council of ministers and its committees he assumes his office on the sweet will of the prime minister and also takes an oath of secrecy through him in reality the secretary is not member of the council of ministers but only holds a grade of a minister. 4. संसदीय सचिव सत्तारूढ दल के संसद सद्स्य होते है इस पद पे नियुक्त होने के पश्चात वे मंत्री गण की संसद तथा इसकी समितियॉ मे कार्य करने मे सहायता देते है वे प्रधान मंत्री की इच्छा से पद ग्रहण करते है वे पद गोपनीयता की शपथ भी प्रधानमंत्री के द्वारा ग्रहण करते है वास्तव मे वे मंत्री परिषद के सद्स्य नही होते है केवल मंत्री का दर्जा प्राप्त होता है।
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The incomplete Branthanpara excavation demonstrates the familiar Pallava technique of rock excavation as at Mahabalipuram , fol-lowed in the Pandya-Muttaraiyar-Adigaiman areas , as at Narttamalai , Mangadu and other places . The cave at Vizhinam , of the rock-cell type without the front mandapa and characteristic of the Pandya-Muttaraiyar region , is unique in having on either rock flank of its door-opening , reliefs of Siva in chatura tandava with Parvati in attendance on one side , and Siva with bow as kirata , followed by a dwarf gana on the other . अधूरा ब्रंथनपारा उत्खनन चट्टान उत्खनन की परिचित पल्लव तकनीक को दर्शाता है , जैसा कि महाबलीपुरम है , जिसका अनुसरण नर्त्तमलै , मंगडु और अन्य स्थानों पर पांड्य मुत्तैयार क्षेत्र की विशिष्टता से युक़्त गुफा में अनन्य है कि उसके द्वार विवर के दोनों पार्श्वों पर चतुर्तांडव में शिव का उत्कीर्णन है , जिसके एक और वे पार्वती सहित हैं और दूसरी और वे पार्वती सहित हैं और दूसरी और किरात के रूप में धनुष धारण किए हुए हैं जिनका अनुसरण एक बौना गण कर रहा है .
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According to 74 as for the ministry leadership is necessity for prime minister presence in this position all minister must sacrifice their post. अनु 74 स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानम्ंत्री की उपस्तिथि आवश्यक मानता है उसकी मृत्यु या त्यागपत्र की द्शा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है वह अकेले ही मंत्री परिषद का गठन करता है राष्ट्रपति मंत्री गण की नियुक्ति उस की सलाह से ही करता है मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है सभी नीतिगत निर्णय वही लेता है राष्ट्रपति तथा मंत्री परिषद के मध्य संपर्क सूत्र भी वही है परिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है परिषद के नाम से लडी जाने वाली संसदीय बहसॉ का नेतृत्व करता है संसद मे परिषद के पक्ष मे लडी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है मन्त्री गण के मध्य समन्वय भी वही करता है वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना मंगवा सकता है इन सब कारणॉ के चलते प्रधानम्ंत्री को देश का सबसे मह्त्वपूर्ण राजनैतिक व्यक्तित्व माना जाता है
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According to 74 as for the ministry leadership is necessity for prime minister presence in this position all minister must sacrifice their post. अनु 74 स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानम्ंत्री की उपस्तिथि आवश्यक मानता है उसकी मृत्यु या त्यागपत्र की द्शा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है वह अकेले ही मंत्री परिषद का गठन करता है राष्ट्रपति मंत्री गण की नियुक्ति उस की सलाह से ही करता है मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है सभी नीतिगत निर्णय वही लेता है राष्ट्रपति तथा मंत्री परिषद के मध्य संपर्क सूत्र भी वही है परिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है परिषद के नाम से लडी जाने वाली संसदीय बहसॉ का नेतृत्व करता है संसद मे परिषद के पक्ष मे लडी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है मन्त्री गण के मध्य समन्वय भी वही करता है वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना मंगवा सकता है इन सब कारणॉ के चलते प्रधानम्ंत्री को देश का सबसे मह्त्वपूर्ण राजनैतिक व्यक्तित्व माना जाता है
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According to 74 as for the ministry leadership is necessity for prime minister presence in this position all minister must sacrifice their post. अनु 74 स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानम्ंत्री की उपस्तिथि आवश्यक मानता है उसकी मृत्यु या त्यागपत्र की द्शा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है वह अकेले ही मंत्री परिषद का गठन करता है राष्ट्रपति मंत्री गण की नियुक्ति उस की सलाह से ही करता है मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है सभी नीतिगत निर्णय वही लेता है राष्ट्रपति तथा मंत्री परिषद के मध्य संपर्क सूत्र भी वही है परिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है परिषद के नाम से लडी जाने वाली संसदीय बहसॉ का नेतृत्व करता है संसद मे परिषद के पक्ष मे लडी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है मन्त्री गण के मध्य समन्वय भी वही करता है वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना मंगवा सकता है इन सब कारणॉ के चलते प्रधानम्ंत्री को देश का सबसे मह्त्वपूर्ण राजनैतिक व्यक्तित्व माना जाता है
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.Articel 74 inform about minister constituting prime minister of country. On event of prime ministers death or resignation misisters also have to resign. prime minsiter finalises ministers and later appoited by president. Role of minister is also finalized by PM(Prime Minister), PM is the bridge between president and council of ministers अनु 74 स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानम्ंत्री की उपस्तिथि आवश्यक मानता है उसकी मृत्यु या त्यागपत्र की द्शा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है वह अकेले ही मंत्री परिषद का गठन करता है राष्ट्रपति मंत्री गण की नियुक्ति उस की सलाह से ही करता है मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है सभी नीतिगत निर्णय वही लेता है राष्ट्रपति तथा मंत्री परिषद के मध्य संपर्क सूत्र भी वही है परिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है परिषद के नाम से लडी जाने वाली संसदीय बहसॉ का नेतृत्व करता है संसद मे परिषद के पक्ष मे लडी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है मन्त्री गण के मध्य समन्वय भी वही करता है वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना मंगवा सकता है इन सब कारणॉ के चलते प्रधानम्ंत्री को देश का सबसे मह्त्वपूर्ण राजनैतिक व्यक्तित्व माना जाता है
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.Articel 74 inform about minister constituting prime minister of country. On event of prime ministers death or resignation misisters also have to resign. prime minsiter finalises ministers and later appoited by president. Role of minister is also finalized by PM(Prime Minister), PM is the bridge between president and council of ministers अनु 74 स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानम्ंत्री की उपस्तिथि आवश्यक मानता है उसकी मृत्यु या त्यागपत्र की द्शा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है वह अकेले ही मंत्री परिषद का गठन करता है राष्ट्रपति मंत्री गण की नियुक्ति उस की सलाह से ही करता है मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है सभी नीतिगत निर्णय वही लेता है राष्ट्रपति तथा मंत्री परिषद के मध्य संपर्क सूत्र भी वही है परिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है परिषद के नाम से लडी जाने वाली संसदीय बहसॉ का नेतृत्व करता है संसद मे परिषद के पक्ष मे लडी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है मन्त्री गण के मध्य समन्वय भी वही करता है वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना मंगवा सकता है इन सब कारणॉ के चलते प्रधानम्ंत्री को देश का सबसे मह्त्वपूर्ण राजनैतिक व्यक्तित्व माना जाता है
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.Articel 74 inform about minister constituting prime minister of country. On event of prime ministers death or resignation misisters also have to resign. prime minsiter finalises ministers and later appoited by president. Role of minister is also finalized by PM(Prime Minister), PM is the bridge between president and council of ministers अनु 74 स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानम्ंत्री की उपस्तिथि आवश्यक मानता है उसकी मृत्यु या त्यागपत्र की द्शा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है वह अकेले ही मंत्री परिषद का गठन करता है राष्ट्रपति मंत्री गण की नियुक्ति उस की सलाह से ही करता है मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है सभी नीतिगत निर्णय वही लेता है राष्ट्रपति तथा मंत्री परिषद के मध्य संपर्क सूत्र भी वही है परिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है परिषद के नाम से लडी जाने वाली संसदीय बहसॉ का नेतृत्व करता है संसद मे परिषद के पक्ष मे लडी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है मन्त्री गण के मध्य समन्वय भी वही करता है वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना मंगवा सकता है इन सब कारणॉ के चलते प्रधानम्ंत्री को देश का सबसे मह्त्वपूर्ण राजनैतिक व्यक्तित्व माना जाता है
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Annexure 74 considers it compulsory for the Prime Minister to preside over and manage the cabinet.In case of his resignation or death, the cabinet is considered to be dissolved. The rime Minister holds the ultimate power to appoint the cabinet, The President appoints the cabinet according to the say of teh Prime Minister. He solely decides the portfolios of the ministers. He gives orders to all government institutions and the final decisions also rest with him.He is the central figure between the President and the cabinet of ministers. He is the speaker and leads debates and discussions. He can debate any topic raised in the parliament. He can check the work of any ministry. These are the reasons why he is considered the most important political figure in the country. अनु 74 स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानम्ंत्री की उपस्तिथि आवश्यक मानता है उसकी मृत्यु या त्यागपत्र की द्शा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है वह अकेले ही मंत्री परिषद का गठन करता है राष्ट्रपति मंत्री गण की नियुक्ति उस की सलाह से ही करता है मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है सभी नीतिगत निर्णय वही लेता है राष्ट्रपति तथा मंत्री परिषद के मध्य संपर्क सूत्र भी वही है परिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है परिषद के नाम से लडी जाने वाली संसदीय बहसॉ का नेतृत्व करता है संसद मे परिषद के पक्ष मे लडी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है मन्त्री गण के मध्य समन्वय भी वही करता है वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना मंगवा सकता है इन सब कारणॉ के चलते प्रधानम्ंत्री को देश का सबसे मह्त्वपूर्ण राजनैतिक व्यक्तित्व माना जाता है
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