41. भोजपुरी जन भाषा है और उसका मर्मस्पर्शी प्रभाव समाज को नई दिशा देने में समर्थ है। 42. संस्कृत का ज्ञान विद्वत्वर्ग तक सीमित था, जबकि हिन्दी एक अखिल भारतीय जन भाषा थी। 43. राजभाषा को राज के चंगुल से आज़ाद कर उसे जन भाषा बनाइए-डॉ. सुधा अरोड़ा 44. राजभाषा को राज के चंगुल से आज़ाद कर उसे जन भाषा बनाइए: डॉ. सुधा अरोड़ा 45. और यह भागीदारी ज्ञान और प्रशासन में बिना जन भाषा के इस्तेमाल के संभव नहीं है। 46. और यह भागीदारी ज्ञान और प्रशासन में बिना जन भाषा के इस्तेमाल के संभव नहीं है। 47. किसी भी प्रजातंत्र में सरकारी अथवा निजी संघठन में जन भाषा का सम्मान करना फलप्रद होता है। 48. शिवराम ने अपने नाटकों और साहित्य में जन भाषा का प्रयोग करके अभिजनवादी संस्कृति को चुनौती दी। 49. नामदेव और ज्ञानेश्वर ने जन भाषा में काव्य सर्जन करके आम आदमी को अपने आंदोलन से जोडा। 50. राजभाषा को राज के चंगुल से आज़ाद कर उसे जन भाषा बनाइए-डॉ. सुधा अरोड़ा का आलेख