41. महत्वपूर्ण आर्थिक प्रजाति होने के साथ-साथ रबड़, झूम खेती वाली बंजर भूमियों को जैविक सुरक्षा प्रदान करता है. 42. पुराने समय में झूम खेती में आलू (Solanum tuberisum) की खेती मुख्य रुप से की जाती थी। 43. झूम खेती नयी-से-नयी जमीनें खोजने और भूमि की प्राकॄतिक उर्वरता का उपयोग करने की क्षमता पर निर्भर रहती है।44. झूम खेती क्षेत्र के बारे जलसंभरण विकास कार्यक्रम के लिए भी दिशा-निर्देश राज्य सरकारों को भेजे जा चुके हैं।45. ये मुख्यत: झूम खेती करते हैं इनकी स्थानांतरिक खेती को दिघा, पेंडा व दाही कहा जाता है। 46. झूम खेती नयी-से-नयी जमीनें खोजने और भूमि की प्राकॄतिक उर्वरता का उपयोग करने की क्षमता पर निर्भर रहती है।47. अत: उनकी सारी गतिविधियां तथा त्योहार भी वनों की कटाई करके की जाने वाली झूम खेती से ही जुड़े है। 48. अतः उनकी तमाम गतिविधियां तथा त्योहार भी जंगल की कटाई करके की जाने वाली झूम खेती से ही जुड़े हैं। 49. इनमें से ज्यादातर जनजातियाँ झूम खेती करती हैं, जिसे स्थानांतरी कॄषि या स्लैश और बर्न कॄषि भी कहा जाता है। 50. अतः उनकी तमाम गतिविधियां तथा त्योहार भी जंगल की कटाई करके की जाने वाली झूम खेती से ही जुड़े हैं।