41. शंकर के अद्वैत का दर्शन का सार-ब्रह्म और जीव मूलतः और तत्वतः एक हैं। 42. उनका तत्वतः अनुसंधान हमें किसी न किसी पथ से इस बृहत् जीवन-कोष के ही समीप 43. जो निराकार है वही साकार होता है-तत्वतः दोनों में कोई अन्तर नहीं है। 44. यहाँ कवि ने यह मान लिया है कि तत्वतः रस अनेक नहीं, एक है करुण। 45. छोटे ग्रामीण कर्ज (माइक्रो क्रेडिट) तत्वतः इस अन्यापूर्ण वैश्विक वित्तीय प्रणाली के लए चुनौती है। 46. उसी प्रकार दूसरी ओर सभी देवियों को भी वे तत्वतः एक ही मानते है । 47. और अहिंसा तत्वतः एक ही हैं और संदेह अनिवार्यतः आस्था की कमी या कमजोरी का ही 48. कोई भी प्राणी नीच, पतीत या पापी नहीं है, तत्वतः वह पवित्र ही है। 49. हमलोगों में चाहे जितने ऊपरी मतभेद दिखाई दें परन्तु, हम सारे हिन्दू तत्वतः एक राष्ट्र हैं। 50. भक्तिकाल के साहित्य की रस साधना में जो भक्ति है वह तत्वतः आत्मस्वरूपा शक्ति ही है।