41. धनदायक दशा भुक्ति लग्नेश का आय एकादश भाव से संबंध हो तो लग्नेश की दशा धनदायक होती है।42. धनदायक दशा भुक्ति लग्नेश का आय एकादश भाव से संबंध हो तो लग्नेश की दशा धनदायक होती है। 43. योग कारक ग्रह (जो कि केन्द्र के साथ-साथ त्रिकोण का भी स्वामी हो) सर्वदा धनदायक ग्रह होता है। 44. धनदायक वस्तुएं प्रकृति अपने में असंख्य निधियों को समेटे हुए है, जिसको इनका ज्ञान है, वह लाभ उठाता है।45. तीन टांग वाला मेंढक-मुंह में सिक्का लिए हुए तीन टांग वाले मेंढ़क को धनदायक माना जाता है। 46. तीन टांग वाला मेंढक-मुंह में सिक् का लिए हुए तीन टांग वाले मेंढ़क को धनदायक माना जाता है। 47. ऎसा शनि यदि धनेश मंगल और लग्नेश शुक्र से युति करे या दृष्टि संबंध बनाए तो विशेष धनदायक योग बनेगा। 48. योग कारक ग्रह (जो कि केन्द्र के साथ-साथ त्रिकोण का भी स्वामी हो) सर्वदा धनदायक ग्रह होता है। 49. जन्मकुण्डली के किसी भी भाव में चन्द्र-मंगल की युति होने से चन्द्र-मंगल नामक शुभ धनदायक योग का निर्माण होता है. 50. धनु: इस लग्न के लिए शनि निर्मल होने पर धनदायक होता है, लेकिन अशुभ फल भी देता है।