41. यह धर्मसंगत है तो ऐसा करने और उसे सुनाने में उसके ऊपर कोई आपत्ति नहीं है। 42. एक ही समय पर एक बात किसी के लिए धर्मसंगत है तो बहुत संभव है.. 43. धर्मसंगत है कि वह रौज़ा शरीफ में दो रक्अत या जितना चाहे नफ्ल नमाज़ पढ़े क्योंकि44. बाँधने के लिए तनईम जाना धर्मसंगत नहीं है, बल्कि उसके लिए धर्मसंगत यह है कि यदि 45. बाँधने के लिए तनईम जाना धर्मसंगत नहीं है, बल्कि उसके लिए धर्मसंगत यह है कि यदि 46. पिता के माल में धर्मसंगत है, उस की माँ के माल में तथा स्वयं बच्चे के माल 47. से मोहब्बत करने का मामला है तो वह कभी धर्मसंगत होती है और कभी वर्जित होती है। 48. में उसे एक बार ही करेगा, उसके हक़ में उसे अनेक बार करना धर्मसंगत नहीं है, सिवाय 49. अलैहि व सल्लम की क़ब्र की जियारत के धर्मसंगत और मुस्तहब होने की बात कहते हैं यदि 50. और धर्मसंगत होने की बात कहें जैसाकि शाफेईया वगैरह इसकी ओर गए हैं, तो दोनों में से