41. उसकेजीवन में वह अवसर भी आ गया था, और वह चुपके से अपने स्वामि की नज़र बचा कर नामान के रथ की ओर दौड़... 42. चाहे राजमार्ग छोड़ कर पगडण्डी पर, या चौबदार की नज़र बचा कर गोरे साहब के बंगले से गुजरने की जोखिम ही क्यों न उठानी पड़े। 43. उसकेजीवन में वह अवसर भी आ गया था, और वह चुपके से अपने स्वामि की नज़र बचा कर नामान के रथ की ओर दौड़ पड़ा। 44. पर दिन भर पैसे कौन देता? हम नज़र बचा कर घर से रोटी चुरा कर झूले वाले को दे देते थे और झूला झूलते थे। 45. ये बात दीगर है कि अपूर्वा और उसके भाई ज्योतिर्मय की तरह मैं भी उन पलों को सबकी नज़र बचा कर किनारे खिसका देती थी... 46. चाहे राजमार्ग छोड़ कर पगडण्डी पर, या चौबदार की नज़र बचा कर गोरे साहब के बंगले से गुजरने की जोखिम ही क्यों न उठानी पड़े। 47. उसके जीवन में वह अवसर भी आ गया था, और वह चुपके से अपने स्वामि की नज़र बचा कर नामान के रथ की ओर दौड़ पड़ा। 48. पर दिन भर पैसे कौन देता? हम नज़र बचा कर घर से रोटी चुरा कर झूले वाले को दे देते थे और झूला झूलते थे। 49. सब कुछ देख कर छत से एक बार नीचे उतर आने के बाद, मैं एक बार सबकी नज़र बचा कर फिर से छत पर चला गया। 50. मैने देखा कि जब भाभी ने उन लोगों को चाइ थमायी तो एक ने धीरे से विश्वनथजी की नज़र बचा कर भाभी की एक चूची दबा दी.