41. बच्चे शायद प्रश्न करें कि यदि निस्स्वार्थ सेवा का इतना अधिक महत्व है तो फिर ध्यान, तप, इत्यादि की आवश्यकता ही क्या है। 42. वे निस्स्वार्थ भाव से हमारे लिए लड़ रहे हैं, हमारी आने वाली संततियों के लिए युद्ध के मैदान में उतरे हैं. 43. सुंदरता है त्याग और निस्स्वार्थ प्रेम में, दूर दूर से विरह में जलना और परम प्रेम के लिए तड़पना और जीवन त्याग देना. 44. आजादी के 65 सालों के बाद भारत को ऐसे निस्स्वार्थ देशसेवी उपलब्ध हुए हैं, इनके कार्यों का सभी देशवासियों को समर्थन करना चाहिए। 45. इसके लिए संगठन आपको नमन करता है और उम्मीद करता है कीआप इसी तरह से अपना कार्य जिम्मेदारी और निस्स्वार्थ भाव से करते रहेंगे। 46. सुंदरता है त्याग और निस्स्वार्थ प्रेम में, दूर दूर से विरह में जलना और परम प्रेम के लिए तड़पना और जीवन त्याग देना. 47. उनके मतानुसार निस्स्वार्थ कार्यकर्त्ता ही सबसे सुखी होता है, निष्काम कर्म ही सर्वोत्तम है, उनका चिंतन रहा, इच्छा, चाह ही प्रत्येक दुख की जननी है। 48. बच्चे शायद प्रश्न करें कि यदि निस्स्वार्थ सेवा का इतना अधिक महत्व है तो फिर ध्यान, तप, इत्यादि की आवश्यकता ही क्या है। 49. निस्स्वार्थ सेवा केवल मंदिर तक ही सीमित नहीं होती ; यह कार्यस्थल, स्कूल या जहाँ भी दुनियां में हम हों, की जा सकती है।50. प्रेमपगा निश्छल हृदय-भाव ही पारस्परिक सौहार्द का मूल है जो आम जन से लेकर कवि-हृदय मनस तक को निस्स्वार्थ समर्पण के लिए सुप्रेरित करता है.