41. शाकाहारी और मनुष्य-इनमें यह पाचक रस (हैड्रोक्लोरिक अम्ल) माँसाहारियों से २ ० गुना कमजोर होता है। 42. अनन्नास में कई ऐसे रस पाए जाते हैं जो पाचक रस (एंजाइम) के रूप में कार्य करते हैं। 43. पाचक रस में अनेक जैविक पदार्थ मिले रहते हैं जिन्हें एन्जाइम तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के रूप में जाना जाता है।44. प्रेम का रस ही बदलता है खाए हुए अन्न को पाचक रस में, बढ़ता है तब सौन्दर्य मन का। 45. क्योंकि इससे आमाशय मे बनने बाले पाचक रस अपनी पूरी ताकत से काम नही कर पाते फलस्वरुप मोटापा वढ़ता है। 46. अनन्नास के रस में स्थित ` ब्रास्मेलिन ' नामक एंजाइम मानव शरीर के पाचक रस पेप्सिन के समान होता है। 47. तुलसी के सम्पूर्ण सूखे पौधे का चूर्ण बना कर सेवन करने से लीवर को सक्रिय पाचक रस प्रदान होता है। 48. माँसाहारी-इनमें बहुत ही तेज पाचक रस (HCl-हैड्रोक्लोरिक अम्ल) होता है जो मांस को पचाने में सहायक है। 49. पाचन संस्थान में अग्नि मूल, जिसके कारण पाचक रस उत्पन्न होता है, भोजन को पचाने का कार्य करता है। 50. सूखा पौधा समग्र रूप में चूर्ण रूप में लिए जाने पर यकृतोत्तेजक पाचक रस बढ़ाने का अद्वितीय गुण रखता है ।