41. ' टकरायेंगे नक्षत्र-निकर, बरसेगी भू पर वह्नि प्रखर, फण शेषनाग का डोलेगा, विकराल काल मुँह खोलेगा। 42. तब लगता है कि अहंकार का फण कुचल जाएगा और रह जाएगा निर्मल प् यार। 43. मुक्तिकामीअग्रसोचीएशिया के अग्रगामी चीन की जय! व्याल के फण पर लहरतेऔ घहरतेबीन की जय! 44. ‘टकरायेंगे नक्षत्र-निकर, बरसेगी भू पर वह्नि प्रखर, फण शेषनाग का डोलेगा, विकराल काल मुँह खोलेगा। 45. हौआ-तेरा फण बहुत सुन्दर है (फण को थपथपाती है और सर्प को प्यार करती है) 46. हौआ-तेरा फण बहुत सुन्दर है (फण को थपथपाती है और सर्प को प्यार करती है) 47. गुफा नं ․ 19 में नागराज का चित्रण सात सिरोंवाले फण के साथ अंकित है। 48. सर्प-हौआ! हौआ-कौन है? सर्प-मैं हूं! तुमको अपना सुन्दर नवीन फण दिखाने आया हूं। 49. सुसज्जित बजड़ा नाग के फण पर बांसुरीवादन मुद्रा में खड़े श्रीकृष् ण-स्वरुप की ओर सरकने लगा। 50. उसके कंधे पर टंगा हुआ सिंघा आधा बैठे आधा खड़े फण फैलाये सांप की तरह लगता था।