41. वर्षा की कमी के कारण इस प्रदेश में रेतीली और बलुई मिट्टी पायी जाती है। 42. वर्षा की कमी के कारण इस प्रदेश में रेतीली और बलुई मिट्टी पायी जाती है। 43. इलाक़े की बलुई मिट्टी बग़ैर ठीक से पानी पिए गांव का पेट नहीं भरती है। 44. 21. लाल बलुई मिट्टी वाले क्षेत्रों में बरसाती घास व कुछ झाड़ियाँ पाई जाती है। 45. 3. निक्षालित गैर-जलमग्न बलुई मिट्टी (पंजाब में खरीफ चावल के मौसम में अत्यधिक निक्षालन के कारण 46. 43. बलुई मिट्टी वाले क्षेत्रों में बाजरा, मोठ, मूँग आदि खरीफ की फसलें होती हैं । 47. मटियार मिट्टी में कणांतरिक छिद्र छोटे होते हैं, जबकि बलुई मिट्टी में वे बड़े होते हैं। 48. 21. लाल बलुई मिट्टी वाले क्षेत्रों में बरसाती घास व कुछ झाड़ियाँ पाई जाती है। 49. में दोमट एवं बलुई मिट्टी को क्षेत्रीय भाषा में सिक्टा, करियाल एवं धनका भी कहते हैं। 50. 39. बलुई मिट्टी के कण मोटे होते हैं, जिनमें पानी शीघ्र ही विलीन हो जाता है ।