41. क़लम की नोंक पे हों तितलियाँ ख़्यालों की, क़लम के फूलों को वो बाग़बान दीजिएगा। 42. बुद्विमान व्यक्तित घोड़े पर सवार हुआ और बाग़बान से बोला कि मैं तुम्हारा पीछा नहीं छोड़ूंगा। 43. मक़्तूल के लहद को उजाड़ा गया है, न्याय फिर क़ातिलों के हाथों बिका बाग़बान है। 44. वह बाग़बान को इस बात के लिए निरंतर विवश कर रहा था कि वह सड़े-गले फल खाए। 45. बाग़बान ने जब उस को अकेला देखा, हंटर लेकर दूसरे चोर की भी ख़ूब धुनाई की।46. बाग़बान ने उसे पेड़ से नीचे खींचा और उसका भी हिसाब किताब ठीक ठाक ढंग से किया।47. ऐ चमन वालो! चमन से यूं गुज़रना चाहिये कि बाग़बान भी ख़ुश रहे, राज़ी रहे सय्याद भी 48. उसने देखा की बाग़ का बाग़बान थकामांदा सेब के एक वृक्ष के नीचे मुंह खोले हुए सो रहा है। 49. बेचारा बाग़बान जो बुद्विमान की आवाज़ से उठा था, आंख खोलते ही उसे कोड़े की मार सहना पड़ी। 50. बाग़बान ने कहा, उनके मध्य फूट डालकर, क्या तुमने मुहावरा नहीं सुना कि फूट डालो और राज करो।