41. भगशिश्न तथा भगोष्ठ की दबाव और तापमान के प्रति संवेदना को बायोथीसियोमीटर नामक यंत्र द्वारा नापा है। 42. अपनी उंगलियों को उसके बाह्य भगोष्ठ (upper lips) पर ऊपर से नीचे फिराते हुए सहलाएं. 43. (आ) लघु भगोष्ठ की अतिपुष्टि-यह प्राय: सहज होती है परंतु चिरकालिक उत्तेजनाओं से भी होती है। 44. इसका मतलब हुआ, लीबिया मेजोरा (बाहरी भगोष्ठ ) और योनि मार्ग का आगे का दो इंच भाग। 45. बाह्य भगोष्ठ (Labia Majora) भग का वह बाहरी हिस्सा जो गुद्देदार होता है बाह्य भगोष्ठ कहलाता है. 46. बाह्य भगोष्ठ (Labia Majora) भग का वह बाहरी हिस्सा जो गुद्देदार होता है बाह्य भगोष्ठ कहलाता है. 47. यह थोडी-थोड़ी मात्रा में स्निग्ध द्रव प्रवाहित करती है जो आन्तरिक भगोष्ठ को सेक्स उत्तेजना के दौरान गीला रखता है. 48. अतिरिक्त प्रतिरक्षा कोशिकाओं की उपस्थिति के कारण लघु भगोष्ठ , बृहद् भगोष्ठ और पेरिनिअल भाग में सूजन (जलन, लालिमा और सूजन) होना. 49. अतिरिक्त प्रतिरक्षा कोशिकाओं की उपस्थिति के कारण लघु भगोष्ठ, बृहद् भगोष्ठ और पेरिनिअल भाग में सूजन (जलन, लालिमा और सूजन) होना. 50. योनि के भगोष्ठ के अंदरूनी और बाहरी हिस्सों को अच्छी तरह धोएं, जहां यीस्ट के पनपने की संभावना अधिक होती है।