41. परिश्रम करके ही जीवन में सफल हुआ जा सकता है न कि भाग्य भरोसे . 42. लेकिन खाली भाग्य भरोसे भी कुछ हासिल नहीं हो सकता ॥कर्म तो करना ही पड़ेगा । 43. स्री को चरित्र में उलझाकर, पुरुष के भाग्य भरोसे छोडने वाली चतुराई के दिन पूरे हो चुके हैं। 44. यह देश के भाग्य भरोसे है कि माननीय इसे किस रसातल तक ले जाकर छोड़ने को तैयार हैं। 45. भाग्य भरोसे जो शास्त्र है टिका, वो हर दम खूब है बिका, क्यूँ ना हो..46. यह देश के भाग्य भरोसे है कि माननीय इसे किस रसातल तक ले जाकर छोड़ने को तैयार हैं। 47. शायद उसकी माँ उसे भाग्य भरोसे छोड़ अन्य बच्चों की रक्षा के लिए सुरक्षित स्थान में चली गई थी। 48. स्री को चरित्र में उलझाकर, पुरुष के भाग्य भरोसे छोडने वाली चतुराई के दिन पूरे हो चुके हैं। 49. जीवन सफल बना है तो, सत्यपथ को अपनाना होगा ॥कर्तव्यों से विमुख होना है तो, भाग्य भरोसे बैठे रहना। 50. उत्तम योग व योग रखने वाला व्यक्ति यदि कर्म करना छोड़ दे व भाग्य भरोसे रहे तो उसे लाभ नहीं मिलता।