41. हुए उसमें एक और प्रत्यय लगाकर उसकी पुनः भाववाचक संज्ञा बनाने का बलात प्रयास 42. संज्ञा के प्रकार-संज्ञा के तीन भेद हैं-1. व्यक्तिवाचक संज्ञा।2. जातिवाचक संज्ञा।3. भाववाचक संज्ञा। 43. मुश्किल यह है कि लोग भाववाचक संज्ञाओं को द्रव्यवाचक संज्ञाओं में ढूँढने लगे हैं. 44. प्रविष्टि के बाद ही भाववाचक संज्ञा शब्द आदि को कोष्ठक में रखा गया है। 45. दैन्य के साथ पुन: 'ता' भाववाचक प्रत्यय का प्रयोग भी च्युतसंस्कारत्व दोष के अन्तर्गत आएगा। 46. कर्ण शब्द की कान के संदर्भ में यहां गुणवाचक अर्थवत्ता भी है और भाववाचक भी। 47. ऐसे ही दोस्ती और दुशमनी मे हुआ दोनो भाववाचक हैं तो इता हो गया. 48. ' एक जमाने में मैं भाववाचक संज्ञाओं के प्रयोग का बहुत सख्त विरोधी था. 49. शब्द चर्चा के अन्तर्गत ब्रह्म का अक्षर से भाववाचक संबंध तो है मगर व्युत्पत्तिमूलक नहीं। 50. कर्ण शब्द की कान के संदर्भ में यहां गुणवाचक अर्थवत्ता भी है और भाववाचक भी।