41. परंतु कुछ राज्य जैसे छत्तीसगढ़, उड़ीसा, केरल आदि अपने भौम जल क्षमता का बहुत कम उपयोग करते हैं। 42. जल संभर प्रबंधन से तात्पर्य, मुख्य रूप से, धरातलीय और भौम जल संसाधनों के दक्ष प्रबंधन से है। 43. अनेक प्राकृतिक प्रक्रम हैं-रंध्र या विदर के द्वारा निस्यंदन (seepage), भौम जल की सतह में घट बढ़ और विसरण। 44. गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, त्रिपुरा और महाराष्ट्र अपने भौम जल संसाधनों का मध्यम दर से उपयोग कर रहे हैं। 45. तालिका 6-1 दर्शाती है कि कुल पुन: पूर्तियोग्य भौम जल संसाधन का लगभग 46 प्रतिशत गंगा और ब्रह्मपुत्र बेसिनों में पाया जाता है। 46. भौम जल प्रदूषण देश के विभिन्न भागों में भारी / विषैली धातुओं, फ़्लूओराइड और नाइट्रेट् स के संकेंद्रण के कारण होता है।47. जबकि औद्योगिक सेक्टर में, सतह जल का केवल 2 प्रतिशत और भौम जल का 5 प्रतिशत भाग ही उपयोग में लाया जाता है। 48. केन्द्रीय सिंचाई एवं विद्युत मन्त्रालय के भौमजल सांख्यकी सन् १९८५ के अनुसार बुन्देलखण्ड में १३१०२१ लाख घन मीटर भौम जल प्रतिवर्ष उपलब्ध रहता है। 49. केन्द्रीय सिंचाई एवं विद्युत मन्त्रालय के भौमजल सांख्यकी सन् १९८५ के अनुसार बुन्देलखण्ड में १३१०२१ लाख घन मीटर भौम जल प्रतिवर्ष उपलब्ध रहता है। 50. जबकि औद्योगिक सेक्टर में, सतह जल का केवल 2 प्रतिशत और भौम जल का 5 प्रतिशत भाग ही उपयोग में लाया जाता है।