बड़ी इलायची और माजूफल को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीसकर उसमें बराबर मात्रा में मिश्री को मिलाकर चूर्ण बना लें, फिर इसी चूर्ण को 2-2 ग्राम की मात्रा में रोजाना सुबह और शाम पीने से स्त्रियों को होने वाले श्वेत प्रदर की बीमारी से छुटकारा मिलता है।
42.
अशोक की छाल, बबूल की छाल, गूलर की छाल, माजूफल और फिटकरी समान भाग में पीसकर 50 ग्राम चूर्ण को 400 मिलीलीटर पानी में उबालें, 100 मिलीलीटर शेष बचे तो उतार लें, इसे छानकर पिचकारी के माध्यम से रोज रात को योनि में डालें, फिर 1 घंटे के पश्चात मूत्रत्याग करें।
43.
यदि गुरु छठे भाव में अशुभ हो तो मकोय, बंफल, बहेड़ा, बांस के नवजात कोपल का अंकुर, अगरीठ, दूदला एवं भटकटैय सबको पीस कर माजूफल के चूरन में मिला लेवे, उसके बाद चाय की हरी पत्ती, अरंडी की हरी पत्ती, अगूला, एवं नलकंद की हरी पत्ती सबको आग की आंच पर झुलस लेवे.
44.
माजूफल + मुलायम सुपारी + सुपारी के फूल + बड़ी इलायची + कचूर + धाय के फूल + तज + छोटी हरड़ + फिटकरी + गुलाब के फूल + बड़ी हरड़ का बक्कल + गुड़मार ; इन सभी चीजों को बराबर वजन से लेकर (अनुमानतः २ ५ ग्राम प्रत्येक लीजिये) बारीक चूर्ण कर लें, सभी फूल सूखे लें वरना पीसने में दिक्कत होगी।
45.
माजूफल + मुलायम सुपारी + बड़ी इलायची + कचूर + धाय के फूल + तज + छोटी हरड़ + फ़िटकरी + गुलाब के सूखे फूल + सुपारी के सूखे फूल + बड़ी हरड़ का छिलका + गुड़मार ; इन सभी बारह जड़ी-बूटियों को आयुर्वेदिक कच्चा माल बेचने वाले के पास से ले लीजिये सभी को बराबर मात्रा में ले लीजिये यानि कि सभी ५०-५० ग्राम ले लीजिये।
46.
हरड़, बहेड़ा, आंवला, सोंठ, काली मिर्च, पीपल (त्रिकुटा), शुद्ध किया हुआ तूतिया (तुत्थ या नीला थोथा), काला नमक, सेंधा नमक, सांभर नमक, समुद्री नमक, विड् नमक (पांचों लवण), पतंग (पत्रांग नामक द्रव्य) तथा माजूफल इन सबको बारीक कूट-पीस तथा छानकर बनाए गए मिश्रण से मंजन करने से दांत वज्र के समान मजबूत हो जाते हैं।
47.
आप निम्न उपचार लें माजूफल + मुलायम सुपारी + बड़ी इलायची + कचूर + धाय के फूल + तज + छोटी हरड़ + फ़िटकरी + गुलाब के सूखे फूल + सुपारी के सूखे फूल + बड़ी हरड़ का छिलका + गुड़मार ; इन सभी बारह जड़ी-बूटियों को आयुर्वेदिक कच्चा माल बेचने वाले के पास से ले लीजिये सभी को बराबर मात्रा में ले लीजिये यानि कि सभी ५ ०-५ ० ग्राम ले लीजिये।
48.
आप निम्न दवा तैयार कर लीजिये-१. माजूफल + मुलायम सुपारी + बड़ी इलायची + कचूर + धाय के फूल + तज + छोटी हरड़ + फ़िटकरी + गुलाब के सूखे फूल + सुपारी के सूखे फूल + बड़ी हरड़ का छिलका + गुड़मार ; इन सभी बारह जड़ी-बूटियों को आयुर्वेदिक कच्चा माल बेचने वाले के पास से ले लीजिये सभी को बराबर मात्रा में ले लीजिये यानि कि सभी ५०-५० ग्राम ले लीजिये।
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आप निम्न दवा तैयार कर लीजिये-१. माजूफल + मुलायम सुपारी + बड़ी इलायची + कचूर + धाय के फूल + तज + छोटी हरड़ + फ़िटकरी + गुलाब के सूखे फूल + सुपारी के सूखे फूल + बड़ी हरड़ का छिलका + गुड़मार ; इन सभी बारह जड़ी-बूटियों को आयुर्वेदिक कच्चा माल बेचने वाले के पास से ले लीजिये सभी को बराबर मात्रा में ले लीजिये यानि कि सभी ५ ०-५ ० ग्राम ले लीजिये।
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॥ 4 ॥ बबुआ रो रहा था कई-कई बाल विशेषज्ञों पर चढ़ा आए नकदी लेकिन न बंद हुआ न कम उसका रोना माँ ने ध्यान-से देखा परखा उसके रोने को बोली-घबराओ मत पछेरुओं से परेशान है बबुआ साफ रुई का एक फाहा लाओ और घिसा हुआ थोड़ा-सा माजूफल नितम्बों के बीच फाहा कूच पीठ को थपथपा बबुआ को सुला दिया माँ ने बीमारियों को बच्चों से दूर रखनेवाली बड़ी ही सिद्ध वैद्य थी माँ! 0 0
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