41. धन्यवाद-आप अपने रचनात्मक प्रतिभा को साझा करने के लिए एक माशूक़ रहे हैं. 42. अपने आशिक को माशूक़ ने बुलाया सामने ख़त निकाला और पढ़ने लगा उसकी शान में 43. इस शेअर को समझ ने के लिए माशूक़ की ज़ुलफ़ों के बारे में चंद शायराना 44. अब ग़ज़ल में इश्क़ का केंद्र ख़ुदा या माशूक़ न होकर राष्ट्र और मातृभूमि हुई। 45. व्यंग्य करने के साथ-साथ ग़ालिब माशूक़ का अहसानमंद भी है कि उसने बचा लिया. 46. जितना तुम राजा के रास्ते पर चलोगे माशूक़ की गलियों का रास्ता उतना ही भूलते जाओगे। 47. वो न तो ख़ुदा के सामने कभी नतमस्तक होते और न ही माशूक़ के सामने. 48. जितना तुम राजा के रास्ते पर चलोगे माशूक़ की गलियों का रास्ता उतना ही भूलते जाओगे। 49. माशूक़ बोली अगर ये तू मेरे लिए लाया विसाल के वक़त उमर कर रहा है ज़ाया50. यह भी कहा जा सकता है कि ग़ज़ल का सर्वसाधारण मतलब है माशूक़ से बातचीत का माध्यम।